रह गए राज्यपाल का आदेश हवा में
सत्र को नियमित करने को लेकर बीआरए विश्वविद्यालय परीक्षा तो ले लेती है, लेकिन परिणाम घोषित करने करने में महीनो लगा देती है, पूर्व कुलपति डा0 अमरेन्द्र यादव के समय आए थे प्रतिकुलपति मंडल साहब। पूर्व कुलपति ने परीक्षा संचालन की जिम्मेवारी उन्हें ही दी थी, लेकिन गर्वनर हाउस ने उन्हें ही परीक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की जिम्मेवारी दे दी है, यहा सवाल उठता है कि क्या परीक्षा विभाग की बदहाल व्यवस्था को सुधार पाने में वे कामयाब हो पाएंगे। विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग का आलम यह है कि जिन कर्मियों को लिखने और संचिका समझने का ज्ञान नही है, उन्हें महत्वपूर्ण प्रभार सौप दिया गया है, कुलसचिव ने सुधार के नाम पर उन्हें बुला लिया, परिणाम सबके सामने है। विवि के अधिकारियों ने एक सप्ताह पूर्व पार्ट 2 का परिणाम निकालने की घोषणा तो कर दी, लेकिन शनिवार को भी परिणाम नही जारी किए गए, छात्र देर शाम तक परिणाम निकलने का इंतजार करते रह गए, प्रभार में आए कुलपति के समय ही स्नातक के सत्र 2019-22 का नामांकन इसी माह कर लेने का एलान किया गया, हश्र सबके सामने है। विवि का आरटीआई विभाग का हाल भी खास्ता है, पूर्व कुलपति के आदेश के बाबजूद भी सैकड़ो आवेदको को कोई सूचना नही दी गई। आरटीआई अधिकारी कहते है कि नियमत सूचना के लिए संबधित विभाग को आवेदन भेज दी जाती है, लेकिन वहा से कोई सूचना नही दी जाती है, यहा सवाल उठता है कि विवि के वरीय अधिकारी क्या कर रहे है। विवि छात्र संध का कार्यकाल खत्म हो गए है, लेकिन विवि के अधिकारियों ने चुनाव संपन्न कराने के लिए अभी तक कोई बैठक आयोजित नही की है।
विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग फिर चैपट
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