Sitamarhi News: सीतामढ़ी।। बिहार के सीतामढी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 20 मई को चुनाव होना है, वहा एनडीए ने विप के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर और महागठबंधन सह राजद ने अर्जून राय को उम्मीदवार बनाया है, दोनो दल के उम्मीदवार राजनीति के मंझे हुए खिलाडी है, हालांकि आरजेडी के वरिष्ठ नेता बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने उम्मीदवार के पक्ष में सीतामढ़ी में सभाएं शुरू कर दी है, फिलहाल एनडीए के कोई बडे नेता अपने उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी प्रचार में नही आए है, लेकिन वहा तेजस्वी यादव के पहुंचने के बाद लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है, कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका भी चुनाव प्रचार में बिहार नही आए है, वही दूसरी ओर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सीतामढी नही आने पर यहा के मतदाता के दिलो दिमाग में उनके प्रति भ्रम उत्पन्न होने लगा है, वहा के कई मतदाता उन्हें दूसरे रूप से देखने लगे है, बहरहाल, चुनाव के एन वख्त पर भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम नंदन प्रसाद ने बागी के रूप में नामांकन दाखिल कर एनडीए उम्मीदवार के लिए मुसीबत खडा कर दी है, आशंका है कि उनके खडा होने से दल के अंदर भीतरघात होगी, चुनाव से पहले भाजपा के कोई वरिष्ठ ने उन्हें मनाने के लिए सीतामढी नही पहुंचे, उस क्षेत्र के राजनीतिक पंडितो की माने तो चुनाव से पहले जेडीयू और बीजेपी के दिग्गज सीतामढी नही पहुंचे तो एनडीए उम्मीदवार का जीतना मुश्किल है, सूत्रो की माने तो सत्तारूढ़ नेताओं की जीत की दावे अभी हवा में है, जीत की दावे प्रति दावे चुनाव के बाद ही तय होगा, लेकिन वहा के राजनीतिज्ञ पंडितो की माने तो प्रथम और द्वितीय चरण के हुए मतदान के रूख से ऐसा लगता है कि बिहार की चुनाव मंदिर मस्जिद के बदले जातीय समीकरण पर चली गई है, एनडीए नेताओ का दावा है कि वे बिहार में 40 सीटे जितेगंगी, वही सीतामढी क्षेत्र के आरजेडी के वरिष्ठ नेता सह वरीय अधिवक्ता रजनीकांत कहते है कि बिहार में एनडीए कहीं जीरो पर न आउट हो जाए, क्योंकि पीएम मोदी बेरोजगारी और मंहगाई पर कुछ नही किया है, इस आशंका को बल इससे भी मिल रहा है कि ‘मोदी की गारंटी! अचानक सरजमीन से गोल हो गई है, देश के युवक की चाहत है नौकरी, मोदी सरकार देने में विफल रही है, मंदिर-मस्जिद से देश के युवको को कोई मतलब नही है, वहा के बडे राजनीतिक पंडतो की माने तो एनडीए अगर सोच समझ कर यहा उम्मीदवार देती तो चुनाव काफी दिलचस्प होता है, लेकिन एनडीए ने सीतामढ़ी सीट महागठबंधन के लिए असान बना दिया है, उम्मीदवार चयन के दौरान बिहार के सीएम ने राजनीतिक एवं सामाजिक समीकरणों की अनदेखी कर बडी भूल की है, बिहार के कई क्षेत्रो में उन्होंने कई क्षेत्रों में ऐसे उम्मीदवार दिए है, जिनका आम अवाम से कोई ताल्लुक नही रहा, भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले जेडीयू के उम्मीदवार के तौर सुनील कुमार पिंटू को चुनाव मैदान में उतरा था, वे चुनाव जीत भी गए, लेकिन इसवार चुनाव में उन्हें टिकट नही दिया गया, सीतामढी में वैश्य समाजो की अच्छी वोट है और सुनील कुमार इसी समुदाय से आते है, वहा के राजनीतिक पंडितो की माने तो इस वर के चुनाव में इस समुदाय के मतदाता कही और न खिसक जाए, सीतामढी और अन्य लोकसभा क्षेत्रो में एनडीए का प्रचार का हालात भी ठीक नही है, जहा एनडीए को आसान जीत हो जाती थी, वहा इसवार मुश्किल है, सूत्रो की माने तो बिहार के अधिकांश लोकसभा क्षेत्रो में जातीय आधार पर वोट डाले जा रहे है. सीतामढी के जेडीयू उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर ब्राह्मण समाज से है, यहा भी अगडो-पिछडो मतदाताओ की गोलबंदी होने लगी है, चुनाव का वख्त भी करीब है, देखना है कि कौन बाजी मार ले जाता है, इस लोकसभा क्षेत्र में इस माहौल के बीच देवेश चन्द्र ठाकुर की उम्मीदवारी चौंकाने वाली रही, वे भी मतदाताओ के बीच गोलबंदी में जुटे है । वही आरजेडी के वरिष्ठ नेता सह वरीय अधिवक्ता रजनीकांत की माने तो सीतामढी में माई समीकरण तो साथ देगा ही महागठबंधन उम्मीदवार को चुनाव में सवर्ण मतदाताओ का भी साथ मिलेगा ।
Sitamarhi News :इसबार सीतामढी में दिलचस्प होगा लोकसभा चुनाव
INAD1
Bihar live news में विज्ञापन देने के लिए यहाँ क्लिक करके संपर्क करें