Bihar News: जब जातीय गणना के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद सवाल उठे, तो भाजपा के सीनियर नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने आंकड़ों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन पटना पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पटना पुलिस ने विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए उनके काफिले को आगे नहीं बढ़ने दिया। उसके बाद उपेन्द्र कुशवाहा अपने समर्थकों और वरीय नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन करने लगे।
उपेन्द्र कुशवाहा ने आंकड़ों की सटीकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें गलतियां है और उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप भी लगाया कि आंकड़ों में छेड़खानी की गई है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, “मेरा दावा है कि आंकड़ा गलत है।” वे इस पर विचार करते हैं कि किसी व्यक्ति के घर के बजट और संपत्ति की गिनती को कैसे ठीक रूप से किया जा सकता है और क्या आंकड़े सही हैं।
Bihar News: महामहिम से हस्तक्षेप की मांग
उपेन्द्र कुशवाहा ने आर्थिक सर्वे के कठिनाइयों पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा, “आर्थिक सर्वे करने में भी बड़ी मुश्किलें हैं। किसके कितने बैंक खाते हैं और उनमें कितना पैसा है, यह किसी को कैसे पता हो सकता है?” वे सरकार से सुधार करने की मांग करते हैं और मामले में महामहिम राज्यपाल से मिलकर समस्या को सुलझाने की गुजारिश करते हैं.जब जातीय गणना के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने आंकड़ों की सटीकता पर सवाल उठाया, तो यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। आंकड़ों की सटीकता और आर्थिक सर्वे की जरूरत है, क्योंकि इससे सरकारी योजनाओं की निगरानी और सही योजनाओं का निर्माण हो सकता है।
जब जातीय गणना के आंकड़े प्रकाशित हुए, तो उपेन्द्र कुशवाहा ने इसकी सटीकता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आंकड़ों में कई गलतियां हैं और यह सरकारी योजनाओं को प्रभावित कर सकता है। उनका कहना है कि जातीय गणना के आंकड़े सही ढंग से प्राप्त नहीं किए गए हैं और इसमें छेड़खानी की गई है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने सरकार से आंकड़ों की प्रमाणितता की जांच करने की मांग की है। वे इस पर विश्वास करते हैं कि आंकड़े गलत हैं और इसे सही करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
जाती जनगणना हमारे समाज के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से सरकार जाति आधारित सरकारी योजनाओं को लागू कर सकती है और गरीबी को कम करने में मदद कर सकती है।इसके बावजूद, जाती जनगणना में होने वाली गलतियों की समस्या हमारे समाज के सभी वर्गों को प्रभावित कर सकती है। इसके बावजूद, सही आंकड़ों का पता लगाना और उन्हें सुधारना महत्वपूर्ण है।
सरकार को उपेन्द्र कुशवाहा के आरोपों का संवेदनशीलता से निरीक्षण करने की आवश्यकता है। सरकार को आंकड़ों की प्रमाणितता की जांच करने का कदम उठाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आंकड़े सही हों।सरकार को उपेन्द्र कुशवाहा के साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान ढूंढने के लिए कदम उठाना चाहिए ताकि जाती जनगणना के आंकड़ों की सटीकता और आर्थिक सर्वे की जरूरत पूरी हो सके।
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