Bihar News, Patna News: मंगलवार को पटना में पुलिस ने आंगनबाड़ी सेविकाओं के प्रति वाटर कैनन का प्रयोग किया. यह आंगनबाड़ी सेविकाओं के विधानसभा घेराव के दौरान हुआ. इन सेविकाओं ने डेढ़-दो महीने से अपनी मांगों के लिए हड़ताल पर बैठे थे. उन्होंने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी आरोप लगाया है. इसके साथ ही, एक आंगनबाड़ी सेविका की मौत का दावा भी किया जा रहा है, लेकिन इस पर प्रशासनिक पुष्टि नहीं की गई है.
तेजस्वी यादव के खिलाफ आंगनबाड़ी सेविकाओं का आरोप
आंगनबाड़ी सेविकाएं कह रही हैं कि तेजस्वी यादव ने चुनाव के समय वादा किया था कि उनकी सरकार आने पर बिहार की सभी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं के मानदेय को दोगुना कर दिया जाएगा. लेकिन सरकार बन जाने के बाद इस पर अमल नहीं किया गया. इसके परिणामस्वरूप, आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने अधिकार के लिए सड़क पर उतर आई हैं और आवाज उठा रही हैं कि वादों के पीछे नहीं हटेंगी.
आंगनबाड़ी सेविका की मौत
एक आंगनबाड़ी सेविका ने कहा, “हम लोग डेढ़ महीने से हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों को नहीं सुन रही है. पुलिस ने आज हमारे ऊपर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़ी. एक सेविका की मौत भी हो गई है. क्या औरतों पर इस तरह का अत्याचार होना चाहिए? यह कैसी सरकार है? क्या हमारी मांगों का कोई महत्व नहीं है?” एक और सेविका ने बताया, “तेजस्वी यादव गोपालगंज गए थे और वहां वादा किया था. लेकिन अब उन्होंने वादों से मुकर लिया है. हम लोग जन्म से लेकर मृत्यु तक सेवा करते हैं और सभी आँगनबाड़ी सेविकाएं रिपोर्ट भी देती हैं.”
आंगनबाड़ी सेविकाओं की मुख्य मांग
बिहार में आंगनबाड़ी सेविकाओं को 5950 रुपये का मानदेय दिया जाता है, और उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाए या फिर 25000 रुपये का मानदेय दिया जाए. वे इस मांग को लेकर आवाज उठाती रह रही हैं और सरकार से अपने अधिकारों की पूरी कद्र करने की मांग कर रही हैं.
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