कॉलेज निरीक्षक ने रोकी अनुदान की फाईल
राज्य सरकार वर्ष 2008 से छात्रो की उर्तीणता के आधार पर श्यामनंदन सहाय डिग्री कॉलेज को अनुदान तो देती है, लेकिन उसके वितरण में फर्जीवाडे का खेल उजागर होने के बाद बिहार विश्वविधालय के कॉलेज ऑफ इंसपेक्ट ने फिलहाल उक्त कॉलेज के लिए आए 3 करोड अनुदान विमुक्त करने से इंकार कर दिया है, निरीक्षक ने कई बिन्दुओ पर कॉलेज प्रबंधन से रिपोर्ट तो मांगी है, लेकिन अभी तक कॉलेज प्रबंधन ने कोई जबाव नही दी है, कहा जाता है कि राज्य सरकार ने 2012-13 वितिय वर्ष में उक्त कॉलेज को 3 करोड अनुदान राशि दी है, उसके वितरण में कॉलेज प्रबंधन ने काफी अनियमितता की है, सूत्रो की माने तो कॉलेज में लेखा पाल होते हुए कई वर्षो से एक लैब इंचार्य से लेखापाल का कार्य लिया जा रहा है, जो उक्त कॉलेज के प्रबंधन का खास बताया जा रहा है, सूऋो का कहना है कि वैसे कर्मियो को भी अनुदान राशि दे दी गई है, जो इसके हकदार नही है, पूर्व यूआर ने 2012-13 में हुए अनुदान वितरण में कई गंभीर सवाल उठाए है, अभी सरकार ने उक्त कॉलेज के कर्मियो के लिए वितिय वर्ष 2014-15 में 3 करोड तो विवि को भेज दी है, लेकिन कॉलेज से भुगतान के लिए कर्मियो की सूची विवि को भेजी गई है, उसमें जांच के दौरान पूर्व में भेजे गए सूची से जमीन आसमान का अंतर निकल गए है, कॉलेज निरीक्षक इस मामले की पडताल करने उक्त कॉलेज गए तो कुछ कागज उठा कर ले गए, और वहा कॉलेज प्रबंधन को इसमें सुधार करने को कहा, लेकिन कुछ नही हुआ, कहा जाता है कि कुछ ऐसे कर्मियो का नाम भेजे गए अनुदान सूची में डाल दिया गया है, जिनकी नियुक्ति 2020 तथा 22 में की गई है, और आए अनुदान राशि सेसन 14-15 का है, सूत्रो की माने तो कॉलेज प्रबंधन ने जिन नए कर्मियो का नाम अनुदान के लिए दी है, उनकी नियुक्ति कॉलेज के शासी निकाए से भी नही हुआ है,