कभी भी जा सकती है उनकी कुर्सी
बिहार राजनीति में जोर अजमाईश जोरो पर है, वैसे आरजेडी फिलहाल जेडीयू में चल रहे खिंचातान की राजनीति से दूर है, वही दूसरी ओर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सीएम नीतीष कुमार पर रोज हमला बोल रहे है, वे नीतीश कुमार के गले की फांस बन गए हैं. जेडीयू के खिलाफ जिस तरह से मोर्चा खोल रखा है, उससे लगता है कि अब बहुत दिनों तक नीतीश के साथ नहीं रहेंगे. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा का अगला राजनीतिक ठिकाना क्या बनेगा. अपनी पार्टी बनाएंगे या फिर बीजेपी में करेंगे एंट्री? यह पता अभी किसी को नही है, वैसे एक चर्चा के अनुसार 25 फरवरी को बीजेपी के किंगमेकर केंद्रीय मंत्री अमित षाह बिहार के दौरे पर आएंगे, उनके आने के बाद पता खुलेगा कौन-कौन जेडीयू से बिजेपी में जाएंगे, एनडीए से नाता तोडने के बाद. महागठबंधन में वापसी के बाद से सीएम नीतीश कुमार एक्टिव हैं तो उनकी ही पार्टी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बगावत की राह पर कदम बढ़ा दिए हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने जिस तरह से नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और जेडीयू के साथ-साथ आरजेडी को भी निशाने पर लेना शुरू कर दिया. ऐसे में देर-सबेर कुशवाहा का जेडीयू से नाता टूटना तय है. जेडीयू को छोड़ते हैं तो उपेंद्र कुशवाहा के पास राजनीतिक विकल्प क्या हैं? फिलहाल बिहार की राजनीतिक में उठापटक जारी है. महागठबंधन और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल चल रहा. उपेंद्र कुशवाहा के भविष्य के कदमों को लेकर लगातार अटकलें लग रही हैं. ये चर्चाएं उस वक्त बढ़ गईं थीं जब बीजेपी के तीन नेताओं ने एम्स में कुशवाहा से मुलाकात की थी. हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने इसे सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात बताई थी, लेकिन उसके बाद से जिस तरह से जेडीयू और नीतीश कुमार को लेकर बयान दे रहे हैं. ऐसे में बीजेपी के साथ जितने दिनों का सफर तय करना था वो कर चुके हैं और अब फिर से जुदा होने की तैयारी में है