जल्द होगा नए आईसीयू का निर्माण
राज्य सरकार ने रविवार को पटना के पीएमसीएच के वरीय डाॅक्टर भीम सिंह को सस्पेंड कर दिया है, उनके उपर बच्चो के इलाज में लापरवाही करने का आरोप है, राज्य सरकार ने यह कार्रवाई स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव के अनुशंसा पर की है, स्वास्थ विभाग ने उन्हें मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में बच्चो के इलाज के लिए प्रतिनियुक्त किया था। चमकी बुखार का तांडव तो पहले से कम हुई है, लेकिन बच्चो का मरने का सिलसिला जारी है, चमकी बुखार से सूबे में अब तक 180 बच्चे काल के गाल में समा गए है, आंकड़े के अनुसार सिर्फ मुजपफरपुर में 126 बच्चे असमय काल कलवित हो गए है, हालांकि कुछ दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच आए थे, और यहा से दिल्ली लौटने के बाद उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रो से बीमार मरीजो को लाने के लिए इस अस्पताल को नए आठ एम्बुलेंस तो दिए है, लेकिन चालक के अभाव में सभी एम्बुलेंस अस्पताल में यूं ही पड़े है। बहरह ाल, इस अस्पताल में चकमी बुखार से पीड़ित 300 से अधिक बच्चे इलाजरत है। केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि अस्पतालो के आईसीयू में वैसे मरीजो को लेना चाहिए, जो गरीब है, ऐसे वख्त में देश के किसी भी अस्पतालो के आईसीयू में इलाज के लिए बीआईपी को नही जाना चाहिए। देश के सभी राजकीय अस्पताल के डाॅक्टरों को फिलहाल ऐसे मरीजो समान्य की तरह देखने का आदेश दिए गए है, उन्होंने बताया कि मुजपफरपुर एसकेएमसीएच के आईसीयू वार्ड की क्षमता कम है, केंद्र सरकार ने एसकेएमसीएच में अलग से 100 वेड की आईसीयू का निर्माण कराने का निर्णय दिया है, एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, बीमारी के कारणों का पता यहा से गए केंद्रीय टीम कर रही है, इसके लिए अमेरिका से भी डाॅक्टरों का एक दल आ रहे है। एसकेएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि राज्य सरकार ने भी 3 शिशु रोग विशेषज्ञ इस अस्पताल को दिए है, जो बीमार बच्चो का चेकअप कर रहे है, फिलहाल बीमारी के कारणों का पता नही चल सका।
पीएमसीएच के डा0 भीम सिंह हुए सस्पेंड
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