उठेगा परीक्षा विभाग के कई अहम सवाल
बीआरए बिहार विश्वविधालय के परीक्षा विभाग का हाल सुधरने वाला नही, परीक्षा नियंत्रक पार्ट वन के पहले परीक्षा में फेल गो गए, छात्रो ने दिए कुछ और सब्जेक्ट में परीक्षा और निकाले गए परिणाम कुछ और, यह कोई गल्प बाते नही बल्कि भयानक सच्चाई है, सूत्रो की माने तो 10 कसे सिनेट की बैठक होना है, उसमें ज्यादात परीक्षा विभाग पर भरी सवाल उठाया जाना है, कहते है कुछ बदनाम कर्मियो के कारण परीक्षा विभाग की पवित्रता खत्म हो चुकी है, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक ने कई ऐसे कर्मियो को जानकार के नाम पर रिटायर्ड कर्मियो को परीक्षा विभाग में रख लिया गया, पहले से बदनाम थे, और गबन के आरोप में निलम्बित भी हो चुके है, एक और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पर इन्ही कर्मियो के कारण कागज घोटाले में एफ आईआर भी हो चुकी है, बहरहाल, जो हाठलेबल पैरबी के बाद थाने में दब गई, फिलहाल परीक्षा नियंत्रक संजय सिंह है, लेकिन विभा उनके कमान से भी बाहर है, पार्ट वन की परीक्षाए उन्होने ही करवायी है, लेकिन पीजी और पार्ट वन की परीक्षा में हुए गडबडियो को लेकर छात्र रोज विश्वविधालय में हंगामा कर रहे है, दो दिन पहले सिंडकेट की हुए बैठक में भी सदस्यों ने इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया था, फिर भी कुछ नही हुआ, हालांकि कुलपति ने इसबीच परीक्षा नियंत्रक के पैर कतरने के उदेश्य से परीक्षा विभाग में उनके सहयोग के लिए विवि के डीओ को बैठा दिया है, चर्चा है कि कुछ दिनो के बाद वीसी उन्हे ही परीक्षा विभाग में बैठा दिया जाएगा,
आए अनुदान एसएनएस कॉलेज को नही दिए गए
वैसे तो सिंडीकेट की बैठक में कई संबद्ध डिग्री कॉलेजो का अहम सवाल उठाए गए, और सुने भी गए विश्वविधालय के कुछ अधिकारियों के गलत हरकत के कारण संबद्ध डिग्री कॉलेज के सरकार से आए अनुदान अभी तक कॉलेजो के कर्मियो के बीचय नही वितरण किए गए, सरकार ने श्याम नंदन सहाय कॉलेज के कमियो के लिए भी 3 करोड अनुदान वेतन के लिए तीन महीने पूर्व विश्वविधालय को भेज दिया गया, लेकिन, दीपावली और बडादिन भी बित गए उक्त कॉलेज कर्मियो को कुछ नही मिला, हैरत की बात तो यह है विश्वविधालय के अधिकारियों ने एक बडे राजनीतिज्ञ के दबाब में वहा के शासी निकाय के गठन में भी रोडा डाल रखा है, वहा के अध्यक्ष का भी नोटिफिकेशन विश्वविधालय के अधिकारियों ने तीन महीने से नही किया है, कॉलेज के कमिर्कयो का वेतन सचिव के हस्ताक्षर होने के बाद दिए जाते है, वहा के सचिव का भी कार्यकाल खत्म हो चुका है, जिसके विस्तार के लिए विश्विविधालय को लिखा गया, लेकिन परिणाम कुछ नही निकला, अब वहा के कर्मी वेतन को लेकर विश्वविधालय को घेरने की मूड बना रहे है ।