बिहार के सीएम बोले बजट पर बोले कुछ नही सुना

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बजट पर जब बिहार के सीएम नीतीष कुमार से पूछा गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा, केंद्र ने बजट पास की है उन्हें कुछ पता नही है, बिहार की बजट जब पास होगी तो बोलेंगे,
केंद्रीय बजट-2023-24 से बिहार सरकार और बिहार के लोगों को काफी उम्मीदें थी. इस बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए भी कोई विशेष योजना-परियोजना और संस्थानों की घोषणा नहीं की है. लेकिन केंद्रीय बजट में जो घोषणाएं की गयी है,उसमें से कुछ न कुछ हिस्सा बिहार को भी जरूर मिलेगा

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बजट में बिहार को कुछ नही मिला
बोले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, केंद्र ने बिहार के लिए कुछ नही किया, पक्के मकान मकान का सिर्फ दायरा बढा दिए गए है, किसानो की दोगुनी आय का क्या हुआ, बेरोजारी पर कोई ठोस निर्णय नही दिया गया, तेजस्वी ने रोजगार और अवास योजना पर भी सवाल उठाया, उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने हर साल जो दो करोड रोजगार की वादे किए, बजट में उसका कोई जिक्र नही किया गया है,

बिहार के एमएसएमई और हस्तशिल्पियों को मिलेगा लाभ
केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में अमृत काल के लिए संकल्प सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था के तहत महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए देश 81 लाख स्वयं सहायता समूह को पेशेवर की बात कही है. वहीं एक जिला एक उत्पाद के उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध करवाने के लिए लिए राज्य की राजधानी या प्रमुख पर्यटन स्थलों पर यूनिटी मॉल खोलने की घोषणा की गयी है. इसका लाभ भी बिहार के एमएसएमई और हस्तशिल्पियों को मिलेंगे.

बिहार को इसका भी मिलेगा लाभ
अगले साल के लिए 10 हजार करोड़ का अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की स्थापना देश के टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के लिए किया गया है उसका भी लाभ बिहार को मिलेगा,कारण बिहार में इन दोनों श्रेणी की संख्या ही अधिक है.

बजट में खेती-किसानी पर क्या है खास
बजट में खेती-किसानी पर फोकस है. इसके लिए करीब बीस लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह राशि मुख्य रूप से कृषि के साथ-साथ डेयरी और फिशरीज पर खर्च की जाती है.

50 पर्यटन स्थलों में बोधगया का चयन संभव
राज्य सरकार का फोकस भी क्षेत्र में है.घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए संपूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किए जाने के लिए चैलेंज मोड के माध्यम से 50 पर्यटन स्थलों का चयन किया जाएगा.बिहार के बोधगया का चयन इस योजना के तहत किया जा सकता है.

सरकार की मांग को अनसूनी किया गया
राजकोषीय उत्तर दायित्व बजट घाटा प्रबंधन कानून के तहत ऋण लेने की सीमा बढ़ाने की राज्य सरकार की मांग को अनसूनी कर दी गयी.अब अगले वित्तीय वर्ष में बिहार अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3.50ः ही ऋण ले सकता है,जबकि मांग 4ः करने की थी

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