मुजफ्फरपुर, नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट फैसले के बाद शहर की राजनीति फिजा बिल्कुल बदल गई है। महापौर व उपमहापौर पद को लेकर कई और चेहरे आ गए हैं। मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पर अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण चुनावी रेस से बाहर हो चुके लोग दावेदारी पेश करने लगे हैं। कुछ दावेदारों ने इंटरनेट मीडिया पर मैदान में उतरने की मंशा जाहिर की है। कुछ तैयारी में लग गए हैं।
किंग मेकर दिख रहे काफी परेशान
हाईकोर्ट द्वारा अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पद को सामान्य मानकर चुनाव कराने के निर्देश के बाद निवर्तमान डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला ने इंटरनेट मीडिया पर दावेदारी दी है। अंदरखाने से आ रही जानकारी के अनुसार मेयर का सीट सामान्य होने पर सामाजिक कार्यकर्ता संजीव शर्मा, पूर्व उपमहापौर विवेक कुमार, भाजपा नेता रविंद्र प्रसाद सिंह, आरबीबीएम कालेज की प्राचार्या डा. ममता रानी, भाजपा नेत्री एवं समाजसेवी रितु राज, वार्ड-20 के निवर्तमान वार्ड पार्षद एवं व्यवसायी संजय कुमार केजरीवाल समेत एक दर्जन नेता महापौर एवं उपमहापौर पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं। वहीं महापौर एवं उपमहापौर पद के लिए नामांकन करने के बाद चुनावी समर में उतर चुके उम्मीदवारों को उच्च न्यायालय के फैसले से झटका लगा है। उनको फिर से नए राजनीतिक समीकरण के अनुसार रणनीति बनानी होगी। अब तक पर्दे के पीछे से उनकी मदद कर रहे दिग्गज के स्वयं मैदान में उतरने से उनको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल सबकी नजर राज्य निर्वाचन आयोग के अगले फैसले पर टिकी हुई है।
चुनाव रूकने पर प्रत्याशियों की जेब पर डाका
मुजफ्फरपुर : निकाय चुनाव स्थगित होने से चुनावी रेस में उतरे उम्मीदवारों की जेब पर डाका पड़ गया है। रेस में आगे निकलने की होड़ में अधिकांश उम्मीदवारों ने अब तक भारी-भड़कर राशि खर्च कर चुके थे। उम्मीदवारी से लेकर भोज-भात के आयोजन तक कई उम्मीदवारों ने लाखों रुपये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खर्च कर दिए थे, लेकिन सब खर्च बेकार चला गया। चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद वार्ड पार्षद पद के 247 उम्मीदवारों के साथ महापौर पद के 15 एवं उपमहापौर पद के 13 उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार के लिए प्रचार गाड़ी से लेकर पंपलेट्स की छपाई तक पर खर्च किए थे सब पर पानी फिर गया है।