सरकार नही संभली तो टूटेंगे संक्रमण का रिकार्ड

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बोले विपक्ष नेता तेजस्वी यादव
आरजेडी के वरिष्ठ नेता सह विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा, एनडीए के 39 सांसद और केंद्र में 5 मंत्री है, लेकिन इन्हे बिहार के लोगो के दर्द से कोई मतलब नही है, बिहार में कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक है, पटना में सरकारी अस्पतालो में सिरियस मरीजो का भर्ती नही लिया जा रहा है, उनके परिजन आॅक्सीजन और इलाज के लिए दर-दर की ठोकरे ख रहें है, उन्होंने बिहार की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला है। अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है कि बिहार के 40 में से 39 एनडीए सांसदों और पांच केंद्रीय मंत्रियों को नाक रगड़कर बिहारवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि इस संकट की घड़ी में वो जनता के किसी काम नहीं आ सकते। केंद्र गुजरात, उत्तर प्रदेश में डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय इत्यादि के माध्यम से ऑक्सीजन, डॉक्टर की व्यवस्था कर रही है लेकिन बिहार की नहीं।
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि क्या नीतीश कुमार डबल इंजन सरकार जनित स्वास्थ्य आपदा के वक्त भी केंद्र सरकार से जरुरी मदद नहीं मांग सकते या केंद्र उनकी हैसियत और साख देख सहायता नहीं कर रहा? नीतीश जी, स्थिति स्पष्ट करें। बिहार एनडीए के कुल 39 सांसद क्या झाल बजा रहे हैं? क्या छुपकर चुप रहने के लिए जनता ने चुना था?
इससे पहले सोमवार को भी तेजस्वी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। पहले तो भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कोरोना को मानने को ही तैयार नहीं थी। जब माना तो नमस्ते ट्रंप, एमपी में सरकार बना ताली-थाली बजवा और दीया-बत्ती जलवा रही थी। तेजस्वी ने कहा कि जब केंद्र सरकार का कोई दायित्व ही नहीं है, तो सरकार है किसलिए? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या सरकार के पास 12 करोड़ बिहारवासियों के वाजिब सवालों का जवाब है? आरोप लगाया कि बिहार की स्वास्थ्य सेवा आईसीयू में है।
डाॅक्टर नही जा रहे अस्पतालो में
आरजेडी के वरिष्ठ नेता सह अधिक्त रजनीकांत यादव ने कहा, सरकार के अधिकांश अस्पतालो में वेड फूल है, प्रवईवेट वाले कोरोना पीड़ित मरीजो के परिजन को जमकर लूट रहा है, इसकी शिकायत कई लोगो ने स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव से करनी चाही तो वे फोन नही उठाए, सरकार की बदइंजामी का आलम यह है कि प्राईवेट अस्पताल वालो कोरोनो मरीज के परिजनो को जमकर लूट रहे है, सरकार की हालत तो यह है कि बेतिया में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने डाॅक्टारो की एक बैठक बुलाई और उनके बैठक में वहा के 27 चिकित्सक नही गए, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना संकट पर सरकार के हश्र क्या है।

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