कॉलेज कर्मियो ने इसके खिलाफ लिखा पत्र
वैसे राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी संबद्व डिग्री कॉलेजो में अनुदान वितरण दौरान हुए घोटाले की जांच अंकेक्षण अधिकारियों कराने का निर्णय दिया है, विभाग ने अधिकारियों को अधिकांश कॉलेजो में अनुदान, परीक्षा फॉर्म और अन्य कार्यो में हुए घोटाले की गहराई से जांच का आदेश दिया है, लेकिन वही दूसरी ओर एसएनएस कॉलेज में लूट का सिलसिला थम नही रहा है, कॉलेज के पूर्व लेखापाल और प्रबंधन ने पूर्व में जो अनुदान वितरण के दौरान हेराफेरी की है, उसका पर्दाफाश तो जांच के दौरान विवि ने जो कॉलेज को दूसरे किश्त सूची लौटाई है,उससे हो जाएगी, सरकार का सख्त आदेश है कि कॉलेज में जो आए होती है, उसका 70 फिसद भाग शिक्षक तथा कर्मियो के वेतन मद में भुगतान किया जाना है, लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ उक्त कॉलेज में । उल्टे शिक्षक और कर्मियो का वेतन में हकमारी करते वहा के दो ऐसे लोग है जो दो-तीन तल्ला मकान ठोक लिया है, कहते है कि शिक्षक व कर्मियो का तीन साल का एरियर कॉलेज के दो शख्स मार कर हजम कर लिया, उसके बदले उक्त दोनो ने सिर्फ वहा के कर्मियो को सिर्फ एक साल का एरियर थमा कर लाखो रूपए हजम कर लिया । सरकार ने अधिकारियों को इस बिन्दु पर भी जांच का आदेश दिया है, सूत्रो का कहना है कि वहा पहले कार्य सूची वाले कर्मिया को नौ हजार 300 तथा अन्य को अलग-अलग भुगतान किए जाने की व्यवस्था है, कई सालो से प्रभारी प्रध्यापक ने दो-तीन रिटायर्ड कर्मियो की भी सेवा ले रखी है, जबकि उसकी कोई आवश्यकता नही है, कालेज के पास कार्यरत कर्मियो की कोई कमी नही है, पहले इन कर्मियो को 6 हजार प्रतिमाह मानदेया दिया जाता था, लेकिन दो महीने पूर्व अचानक प्रबंधन ने न जाने क्यों इनके मानदेय में सीधे 4 हजार बढोतरी कर दी । और कार्यरतो को इनसे काफी कम बढाई गई, यह खेल तो होना ही था, क्योंकि वहा के प्रभारी प्रध्यापक के खास पूर्व तथाकथित लेखापाल जो अगस्त में रिटायर्ड किए है,उन्हें फिर से लाने के लिए प्रभारी ने यह खेल-खेला है, कहते है कि विवि ने दो महीने पूर्व दूसरे किश्त की अनुदान सूची कॉलेज को उसमें हुई त्रुटियो को सुधार कर जल्द भेजने का आदेश तो दे दी, लेकिन पूर्व तथाकथित लेखा लेखापाल को बचाने की चक्कर में कॉलेज ने अभी तक सूची में सुधार कर विवि को नही दिया है, रोज तैयार सूची बदले जा रहे है ।