राज्यसभा में पास हुए जम्मु-काश्मीर बिल

0
664
modi-and-sah

पक्ष में 125 तो विपक्ष में पड़े 61 वोट
मोदी सरकार ने 70 साल पहले नेहरु युग में हुए भूल को सुधार दिया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कैबिनेट में लिए गए फैसले के आलोक में सोमवार को संसद के दोनो सदनो में जम्मु-काश्मीर पुनर्गठन बिल पेश किए, जो भारी मतो के अंदर से पारित हो गए, बिल पास होते ही जम्मु-काश्मीर का पुनर्गठन का रास्ता साफ हो गए, राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 तो विपक्ष में सिर्फ 61 वोट पड़े। अब इसे स्वीकृति के लिए राष्टपति को भेजा जाएगा। राष्टपति का दस्तखत बिल कानून का रुप ले लेगा। काश्मीर में पहले राज्यपाल होते थे, लेकिन वहा दिल्ली के समान उपराज्यपाल होंगे। जिनके हाथो में सत्ता का कमान होगा। वहा के लोग जो राज्य से बाहर रहते थे, उन्हें वोट के अधिकार से दूर कर दिया था, नए कानून में उन्हें मत का अधिकार दिया गया है

INAD1

बिल के पक्ष में माया और केजरीवाल
जेडीयू ने कर लिया किनारा

बिहार में जेडीयू तो भाजपा के साथ सत्ता में है, लेकिन सदन में आए जम्मु-काश्मीर पुनर्गठन बिल से दूरिया बना ली, लेकिन जो दल मोदी सरकार के घोर बिरोधी रहे बसपा सुप्रीमो मायावती और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल आए बिल के पक्ष में उतर गए, और तो और एआईएडीएमके और टीडीपी भी बिल के पक्ष में आ गए, उक्त बिल पास होने के बाद बिहार में लोग दिवाली मनाने सड़क पर उतर आए, लेकिन जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने बिल के बिरोध में बोलकर लोगो को नाखुश कर लिया, पत्रकारों ने बिरोध का करण त्यागी जी से पूछा तो उन्होंने कहा, भाजपा से सिर्फ बिहार में गठबंधन है, पुरे देश में नही। तीन तलाक बिल जब सदन में लाए गए तो जेडीयू ने उसका भी बिरोध किया। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, भाजपा का सिद्धांत कुछ और है तो जेडीयू का कुछ और।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here