अन्य केंद्रो पे भी किए जा रहे दक्ष
पूर्णिया में तो बाहर से आए हजारो प्रवासियो का भाग्य पलट गए, उनके हाथ को बिहार में ही रोजगार मिल गए, बिहार के हजारो मजदूर केरल तो गए कमाने, लेकिन लाॅेक डाउन के बाद वहा उनके मालिको ने रोजगार छिन लिए, उनके पास मकान का किराए देने लायक पैसा नही बचा तो खाते कहा से। वहा से आए श्रमिको को पूर्णिया के डीएम के निर्देश पर अधिकारियों ने पहले क्वाॅरेंटाइन सेंटरो में ठहरने की जगह दी, फिर इसके बाद श्रमिको को माॅस्क तैयार करने के धंधे में लगाया, नतीजतन वहा के प्रवासी 3000 हजार से ज्यादा माॅस्क तैयार करने लगे है, क्या बोल रहे है प्रवासी, सुनिए उनकी जुबानी:-
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