साप्टवेयर बनाने की जिम्मेवारी होम विभाग को
राज्य में सर्वाधिक भू-विवाद के मामले आते है, सरकार ने इससे निपटने के लिए भूमि विवाद से जुड़े मामलों की पहचान के लिए यूनिक कोड बनाने का फैसला किया है। इसके लिए साफ्टवेयर बनाने की जिम्मेवारी गृह विभाग को दी गई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि यूनिक कोड बनने के बाद भूमि विवाद से जुड़े मामलों की पहचान करने में आसानी होगी। मामलों की प्रकृति के अनुसार यूनिक कोड दर्ज किए जाएंगे। इस संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के साथ बैठक हो चुकी है। दरअसल, बिहार में भूमि विवाद के मामले खूब हैं। ऐसे ही विवादों की वजह से गांवों में अधिकतर आपराधिक घटनाएं भी दर्ज होती हैं। हाल के दिनों में सामूहिक हत्याकांड के कई मामले होने के बाद सरकार और गंभीरता से इसे रोकने के लिए उपाय खोज रही है।
भूमि से जुड़े विवादों की पहचान के लिए यूनिक कोड
गृह और राजस्व विभाग की बैठक में बनी सहमति
कोड देखते पता चलेगा विवाद का स्तर क्या है
यूनिक कोड के जरिए यह पता चलेगा कि भूमि विवाद किस स्तर का है। उसमें विवाद के इतिहास के अलावा यह भी चर्चा होगी कि मामला कितना संवेदनशील है। सभी मामलों की नियमित समीक्षा होगी। विवाद से जुड़े विशेष साफ्टवेयर में यह ब्यौरा भी दर्ज होगा कि समय-समय पर क्या प्रगति हुई है।
दस हिस्से में विवादों का वर्गीकरण
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि भूमि विवाद का वर्गीकरण किया जा रहा है। यह वर्गीकरण 10 हिस्से में होगा। सरकारी भूमि पर कब्जा, अतिक्रमण, बंदोबस्त भूमि से बेदखली, सर्वोच्च, उच्च, सिविल एवं राजस्व न्यायालय में लंबित मामले, उनके आदेश के कार्यान्यवयन की स्थिति, जमीन की मापी-सीमांकन से उत्पन्न विवाद, लोक शिकायत निवारण से जुड़े मामले, निजी रास्ता और पारिवारिक भूमि विवाद को इसमें शामिल किया गया है।