एसएनएस कॉलेज : कॉलेज में फिर आएंगे पूर्व लेखापाल,रिटायरो से लिए जा रहा काम

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कॉलेज प्रशासन की चुस्‍ती और चापलूसी का खामियाजा वहा के कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेतरकर्मियो को भुगतना पड रहा है, कॉलेज के पास कार्यरत कर्मियो की एक एक लंबी फेहरिस्‍त है, शिक्षक भी पर्याप्‍त संख्‍या में है,फिर भी कॉलेज प्रबंधन कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेतरकर्मियो के बदले कई महत्‍वपूर्ण काम रिटायरो से ले रहा है, कहते है कि कॉलेज में प्रबंध समिति भी है । लेकिन वहा सिर्फ चलता है प्रभारी प्रध्‍यापक का । सूत्रो की माने तो प्रभारी प्रध्‍यापक के खास पूर्व लेखापाल जो एक महीने पूर्व रिटायर कर गए है । प्रभारी प्रध्‍यापक उन्‍हें फिर लाने के लिए यह सब खेल रच रहे है । नियमत कॉलेज में होने वाले किसी परीक्षा में कार्यरत की सेवा ली जानी है । लेकिन अभी पार्ट थ्री की परीक्षाए कॉलेज में चल रही है । जिसमें गार्डिंग का काम रिटायरो से लिए जा रहा है, इस बात की जानकारी विवि व कॉलेज के सचिव को भी है, लेकिन ये दोनो प्रभारी प्रध्‍यापको के इस हरकत के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से न जाने क्‍यो हिचक रहे है ।  कहते है कि कॉलेज प्रबंध समिति भी प्रभारी प्रध्‍यापक के जेब में है, इसलिए सब कुछ जानते हुए खामोश है ।  कॉलेज में प्रध्‍यापक और कर्मियो की एक एक बडी फौज है, लेकिन उन्‍हें गार्डिंग में नही बुलाया जाता है । सूत्रो कहना है कि कॉलेज में इसके अलावे प्रतियोगी परीक्षाएं भी होती रहती है, इस कॉलेज के प्रभारी प्रध्‍यापक ऐसे परीक्षाओ में भी शिक्षको को नही बुलाते है । सूत्रो का कहना है कि केंद्र संचालित करने के लिए कॉलेज को काफी पैसे दिए जाते है, इसमें भी वहा एक बडा खेल होता है । दो के बदले किसी एक से गार्डिंग का काम ले लिया जाता है और आए लाखो रूपए हजम कर लिए जाते है । नियमत एक कमरे में दो गार्ड दिया जाना है, कहते है कि वहा के प्रभारी प्रध्‍यापक यह सब खेल करने के लिए इस काम का जिम्‍मा भी एक रिटायर कर्मी दे रखा है, जो पूर्व लेखापाल के तरह फर्जी विपत्र तैयार करने में माहिर है । कॉलेज में प्रशासन की लचर व्‍यवस्‍था का आलम यह है कि छात्रो से फॉर्म भरने के दौरान भी जमकर वसूली होती है । छात्रो ने इसे लेकर कई वार हंगामा किया, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने व्‍यवस्‍था में कोई बदलाव नही किया । छात्रो से सीएलसी निकासी के नाम पर जमकर वसूली की जाती है । कॉलेज के व्‍यवस्‍था के अनुसार नियमत एक छात्र को सीएलसी निकासी के लिए 500 रूपए की रसीद काटानी है, लेकिन उनसे नो डियूज लिखाने के नाम पर 200 रू0 अतिरिक्‍त वसूल लिया जाता है । छात्र जब इस बात की विरोध करते है कि है तो उन्‍हें धमकाया जाता है । इस बात की जानकारी कॉलेज प्रबंधन को भी है, लेकिन वे सब कुछ जानते हुए खामोश है । कहते है कि प्रभारी प्रध्‍यापक यह सब खेल हाल में रिटायर हुए एक पूर्व लेखापाल को अरजेस्‍ट करने के लिए कर रहे है । वैसे तो कहने के लिए पूर्व तथाकथित लेखापाल के स्‍थान पर दिखावे के तौर पर एक क्‍लर्क का बैठा दिया गया है, लेकिन सूत्रो की माने तो चोर दरबाजे से लेखापाल का सारे कार्यो  को पूर्व लेखापाल ही कर रहा है ।  

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