पूर्व सीएम मांझी के बयान से सियासत गर्म

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मांझी बोले ब्रहमणो कुछ नही कहा

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बिहार के पूर्व सीएम और एनडीए घटक के नेता जीतनराम मांझी ने रविवार को पत्रकारो से बात करते हुए कहा, उनके बयान के कुछ अंशो का वीडियो जो इंटरनेट पर वायरल किए गए है, वह बिल्‍कुल तथ्‍य से अलग है, उनके बयान का उसी अंश को प्रसारित किया गया है, जिससे विवाद उत्‍पन्‍न हो जाए, उन्‍होंने अपने सफाइ में कहा है कि ब्राह्मणों को लेकर उनके वीडियो के उतने ही अंश को वायरल किया जा रहा है, जिससे विवाद उत्पन्न हो। बयान का पूरा सच जानने के लिए उसे पूरा सुनने की जरूरत है। उन्‍होंने आगे कहा है कि उनके दिल में समाज के हर तबके के लिए उतनी ही इज्जत है जितना वे अपने परिवार की करते हैं। कहा कि उन्होंने पंडित जी को नहीं, अपने समाज के लोगों को गाली दी थी। अगर गलतफहमी हो गई हो तो वे माफी चाहते हैं।

क्‍यों दिया बयान, पूछने पर बताई ये बात

अपने समाज के लोगों को गाली क्यों दी, इस सवाल पर मांझी ने कहा कि पहले पिछड़ी जाति के लोग पूजा-पाठ में उतना विश्वास नहीं करते थे। अपने देवता का पूजा करते थे। तुलसी जी हों या मां शबरी हों, मगर अब तो पंडित जी भी आते हैं और कहते हैं कि बाबू तुम्हारे यहां खाएंगे नहीं, नगद ही दे देना। इस पर शर्म आनी चाहिए।

पूजा-पाठ नहीं करते, इसके पीछे यह कहानी

जीतन राम मांझी ने कहा कि वे पूजा-पाठ कभी नहीं करते। इसके पीछे भी कहानी है। वे सातवीं कक्षा में पढ़ते थे। मंदिर में श्रावणी पूजा होती थी। वे मंदिर गए तो उनके दोस्त तो अंदर चले गण्‍, लेकिन उन्‍हें बांह पकड़कर निकाल दिया गया। उस दिन से वे समझ गए कि … देवी-देवता हमारे नहीं, सब ई लोग के हैं। उस दिन से पूजा-पाठ नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम जय भीम का नारा लगाते हैं तो अंबेडकर के सिद्धांत को मानना चाहिए। आज आस्था के नाम पर करोड़ों-करोड़ रुपये लुटाए जा रहे हैं, लेकिन गरीब की जो भलाई होनी चाहिए, उतनी भलाई नहीं हो रही है।

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