चाचा और भतीजे गुट हुए आमने-सामने
लोक जनशक्ति पार्टी में चार दिनों से मचे घमासान के बीच एक तरफ जहां एक गुट ने पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया है, वहीं चिराग पासवान ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। दोनों गुटों में आर-पार की लड़ाई के अगले चरण में आज दोनों गुट चुनाव आयोग से मिलकर आपना-अपना पक्ष रखेंगे। पारस गुट आज प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा भी करने वाला है। उधर, चिराग पासवान ने दिल्ली में रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।
एलजेपी के पारस व चिराग गुट आज चुनाव आयोग से मिलेंगे। पारस गुट को आयोग ने चार बजे का तो चिराग गुट को पांच बजे का समय दिया है। पारस गुट के मुताबिक राष्ट्रीय कार्य समिति कुल 71 सदस्यों में से उसे 56 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। उधर, चिराग गुट की ओर से राजू तिवारी ने भी बहुमत के समर्थन का दावा किया है। पशुपति पारस गुट आज करेगा बिहार कार्यकारिणी का गठन एलजेपी के पारस गुट ने गुरुवार को पटना में सांसद सूरजभान सिंह के आवास पर बैठक कर पशुपति कुमार पारस को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया। इसके बाद पारस गुट शुक्रवार को प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा करेगा। इसके लिए पशुपति कुमार पारस के आवास पर बैठक बुलाई गई है। पार्टी पर कब्जे की जंग में यह बड़ा कदम है। एलजेपी का आधार बिहार में होने के कारण बिहार के लिए कार्यकारिणी की घोषणा पारस गुट का बिहार एलजेपी पर कब्जे की बड़ी कोशिश है। इस गुट ने पार्टी के बिहार कार्यालय पर पहले ही कब्जा कर लिया है। चिराग का सवाल: केवल नौ लोग कैसे चुन सकते हैं अध्यक्ष? उधर, इस पूरे मामले को चिराग पासवान असंवैधानिक बता रहे हैं। उनके अनुसार पशुपति कुमार पारस को पार्टी अध्यक्ष बनाने के लिए बुलाई गई बैठक ही असंवैधानिक थी। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारी के सदस्यों की न्यूनतम उपस्थिति तक नहीं थी। चिराग के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 से अधिक सदस्यों में से केवल नौ ने पारस को अध्यक्ष चुना। चिराग पासवान ने बताया कि एलजेपी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पारस गुट द्वारा पार्टी के चुनाव चिह्न और झंडे के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है।
अब चिराग ने बुलाई कार्यकारिणी की बैठक, इस मसले पर चिराग पासवान ने रविवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इसमें बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इसके पहले चिराग को लोकसभा अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र के जवाब का इंतजार रहेगा, जिसमें उन्होंने पारस को संसदीय दल के नेता पद से हटाते हुए खुद को नेता बनाने की मांग की है। माना जा रहा है कि इसके बाद चिराग पासवान सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। चिराग बिहार में अपने समर्थकों को एकजुट करने व पार्टी को मजबूती देने की कोशिश के तहत कुछ दिनों में बिहार भी आ सकते हैं।