पहुंची केंद्रीय टीम एसकेएमसीएच
चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में असमय रोज बच्चे काल के गाल जा रहे है, हालांकि बिहार के स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सिर्फ मुजफ्फरपुर में एईएस से 35 बच्चे की मौत होने की पुष्टि की है, लेकिन हकीकत में आंकड़े कुछ और है। गैरसरकारी सूत्रो के अनुसार जून तक 48 से ज्यादा मासूम काल के जबड़े में समा गए है, राज्य सरकार ने सभी स्वास्थ केंद्र के अधिकारियों को चेताते हुए आदेशित किया है कि इलाज में किसी प्रकार की कोताही हुई तो गंभीर कार्रवाई होगी। मौत का सिलसिला अब भी जारी है, एईएस को लेकर केंद्र सरकार ने एक्शन लेते हुए गुरुवार को पड़ताल के लिए एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम को एसकेएमसीएच भेज दी है, जो जांच कर रहे है, दिल्ली से पहुंचे डा0 अरुण सिन्हा ने बताया कि इलाजरत बच्चो की पड़ताल शुरु है, अस्पताल के डाॅक्टरों से बुखार से पीड़ित बच्चो की रिपोर्ट मांगी गयी है, रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ बताया जा सकता है। वही एईएस का मुआएना करने के बाद राजद के प्रदेश महासचिव श्यामनंदन कुमार यादव और वरिष्ठ नेता रजनी कांत यादव ने कहा, स्वास्थ विभाग के अलाअधिकारी अगर दुरुस्त होते तो इतने बच्चे की मौत नही होती। इस रोग से सिर्फ 10 मुजफ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल में मरे है, अब भी काफी बच्चे भर्ती है, एसकेएमसीएच का हाल तो बदहाल है, वहा इलाज के लिए आए बच्चो को फर्स पर रखा गया है।
बच्चेे की काल चमकी बुखार, 48 मरे
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