बोले प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार ने गत 5 वर्षों से एससी-एसटी वर्गों की स्कॉलरशिप बंद कर लाखों गरीब छात्रों का भविष्य चौपट कर दिया है। सरकार से पूछने पर वह इस मसले पर पूर्णत: अनभिज्ञता प्रकट करती है। बाक़ी प्रदेशों में केंद्र समर्थित यह स्कॉलरशिप अभी भी मिल रहा है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार के वरीय अधिकारी मानसिक रूप से वंचित वर्गों और उनके कल्याण संबंधित योजनाओं व उनके क्रियान्वयन के धुर विरोधी हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग बिहार, छात्रवृति बांटने का नोडल विभाग है। वर्ष 2017 में मेरे उपमुख्यमंत्री रहते पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मेरे अधीन था, जिसके नोडल एससी-एसटी विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के निर्देश पर वंचित वर्गों के छात्रों को स्कॉलरशिप देने में अड़चनें पैदा कर रहे थे। लेकिन, मेरी पहल पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक भी हुई जिसमें सकारात्मक निर्णय लिए गए। तेजस्वी ने आगे कहा कि राज्य से महागठबंधन सरकार के हटते ही उन अधिकारियों का मनमाना खेल फिर शुरु हुआ। आज तक गरीब ज़रूरतमंद छात्रों को वो छात्रवृत्तियां प्रदान नहीं की जा सकी हैं। लगता है कि सरकार को पोर्टल्स संबंधित तकनीकी ज्ञान नहीं है। वही दूसरी ओर आरजेडी के वरिष्ठ नेता सह वरीय अधिवक्ता रजनीकांत यादव ने कहा, नीतीश शासन में बिࠀहार की शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल चौपट हो गई है, सूबे के किसी विश्वविधालयो पर बिहार सरकार को कोई नियंत्रण नही है, और राज्य के अधिकांश विश्वविधालयों में वहा के कर्मियो राज कायम है, कर्मियो द्वारा काम के लिए आए छात्रो के साथ भी अच्छा व्यवहार नही होता है, यह सब खेल अधिकारियों के समक्ष होता रहता है । बिहार के कई विश्वविधालयों में अभी तक स्नातक फर्स्ट पार्ट के परीक्षा आयोजित नही किए गए है, बिहार विश्वविधालय का हाल भी यही है, परीक्षा नियंत्रक तो नए आए है, लेकिन कुछ चापलूस कर्मियो के चक्रव्यू में फंस गए है ।