भाजपा और हम हुए आमने-सामने
एनडीए में सब कुछ ठीक ठाक नही है, सबसे पहले जेडीयू के वरिष्ठ नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार को विशेष दर्जा की मांग उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सीधे निशाना साधा, और फिर इसके बाद जेडीयू के वरिष्ठ नेता और गायघाट के पूर्व विधायक महेश्वर यादव ने देश के प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा उनसे देश नही संभाल रहा है, देश के लोग नीतीश कुमार को पीएम के कुर्सी पर देखना चाहते है, खैर, जो एनडीए के अंदर चल रहा है, वह शुभ संकेत नही है, इधर दलित – मुस्लिम मामले को लेकर एनडीए के दो घटक दल हम और भाजपा भी आमने – सामने आ गए हैं। दोनों दलों ने बिना नाम लिए एक-दूसरे पर हमला बोला है। गौरतलब है कि दो दिन पहले डॉ. जायसवाल और फिर मंत्री जनक राम ने बिहार में अल्पसंख्यक समाज द्वारा दलितों को प्रताड़ित करने का मामला उठाया। इसे लेकर दोनों ने इस तरह की कुछ घटनाओं का हवाला देते हुए जिलों के अधिकारियों को पत्र भी लिखा था। इस पर हम अध्यक्ष और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने मंगलवार को सवाल उठाया। उन्होंने इशारों में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल पर निशाना साधा कि जब बिहार में दलित-अल्पसंख्यक एकजुट हो रहे तो पेट में दर्द क्यों हो रहा है। कहा कि पूर्णिया की घटना ने बता दिया कि सूबे के दलित-अल्पसंख्यक एकजुट हैं। लेकिन, जिनके पेट में दर्द हो रहा है, वही बिहार सरकार पर अंगुली उठा रहे हैं। बिहार में क़ानून अपना काम कर रहा है। जो लोग सवाल उठा रहे हैं उन्हें खुद में झांकने की जरूरत है।
अनुकंपा पर राजनीति करने वाले कैसे हो सकता नेता
मांझी के बयान पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने पलटवार किया। उन्होंने बिना मांझी का नाम लिए अनुकंपा पर राजनीति करने वाला दलित नेता का आरोप लगाया। श्री रंजन ने कहा कि अनुकंपा पर राजनीति करने वाले दलित नेताओं का यह सच जानिए। बंगाल हिंसा: चुप, बायसी हिंसा: चुप, चंपारण हिंसा: चुप और अगर कोई आईना दिखा दे तो, हाय मेरी दलित मुस्लिम एकता, हाय मेरा वोटबैंक, हाय मेरा सेक्युलरिज्म।