तीन जिले में चलता उनक नाम का सिक्का
गंगा पार के कम से कम तीन जिलों में शहाबुद्दीन का नाम आज भी चलता है। उनके नाम के साथ एक बड़ा वोट बैंक जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि राजद किसी हालत में उनके परिवार को अपनी पार्टी से खोना नहीं चाहता है। शहाबुद्दीन के परिवार की राजद से नाराजगी की खबरों के बीच कई दलों के नेता उनसे लगातार मिलने पहुंच रहे हैं। इस बीच लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव करीब एक महीने के अंदर उनसे दो बार मिल चुके हैं। तेज प्रताप 15 जून यानी मंगलवार को सिवान में दिवंगत राजद नेता के बेटे ओसामा शहाब से मिले। दोनों के बीच करीब दो घंटे तक की लंबी बातचीत हुई। इससे पहले 13 मई गुरुवार को भी वे ओसामा के घर गए थे। बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव मंगलवार की शाम दिवंगत पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा से मिलने उनके आवास पर दूसरी बार पहुंचे। करीब दो घंटे तक दोनों लोगों में बातचीत हुई। हालांकि इसको लेकर दोनों ने कोई बयान नहीं दिया। इस दौरान उनके साथ पूर्व मंत्री सह सदर विधायक अवध बिहारी चौधरी, बड़हरिया विधायक बच्चा पांडेय समेत राजद नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। बता दें कि एक मई को मो. शहाबुद्दीन का निधन दिल्ली में हो गया था। इसके बाद मो. शहाबुद्दीन के परिवार और राजद से संबंधों को लेकर कई तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं। वही राजद के वरिष्ठ नेता सह वरीय अधिवक्ता रजनीकांत यादव ने कहा मरहुम शहाबुदद्दीन आरजेडी के वरिश्ष्ठ नेता थे, उनके परिवार पर अन्य दलो के लोग डोरा डालना छोड दे, पहले तो विपक्ष ने कहा कि तेजप्रताप एनडीए में शामिल हो रहे है, लेकिन अब विपक्ष को पता चल गया होगा कि तेजप्रताप किधर है ।
कोमा में है बिहार की स्वास्थ व्यवस्था
बोले पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव
तेज प्रताप यादव मंगलवार को छपरा, सिवान एवं गोपालगंज के कई अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उनके साथ आरजेडी के वरिष्ठ नेता रजनीकांत यादव भी गए थे, तेजप्रताप ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा बिहार की स्वास्थ व्यवस्था कोमा में चला गया है, उन्हांने अनुमंडलीय अस्पतालों में महिला ओपीडी व बच्चा वार्ड भी देखा। ममता दीदियों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए बताया कि उनकी लंबित राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। इस दौरान अस्पताल के सफाई कर्मियों ने भी अपनी सेवा को स्थायी किए जाने की मांग उठाई, उनके साथ गए आरजेडी के वरिष्ठ नेता रजनीकांत यादव ने पत्रकारो से कहा, अस्पताल तो खुले है, लेकिन अधिकांश अस्पतालो में डॉक्टर नही थे, आए मरीज डॉक्टर और नर्स के इंतजार में खडे थे, यही है बिहार के ग्रामीण क्षेत्रो के अस्पतालो का हाल ।