बिहार के एक गांव में शाम होते ही जम जाती शराबियों की महफिल

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nasha

 बच्‍चे भी करते हैं नशा का सेवन

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नीतीश सरकार भले बिहार में शराबबंदी कानून सख्‍त किए है, लेकिन उसका असर सरजमीन पर कही दिखने को नहीं मिल रहा है, सरकार ने बिहार में  यूं तो सख्‍त शराबबंदी कानून लागू की  है, लेकिन प्रदेश में शराब पीने की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. राजधानी पटना से लेकर दूर-दराज के जिलों में शराबबंदी कानून का मखौल उड़ाने वाली घटनाएं अक्‍सर ही देखने और सुनने में मिलती रहती हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार के कैमूर जिले में सामने आया है. जिले के एक गांव में शराब, गांजा, चरस जैसे मादक पदार्थों को सरेआम बेचा जा रहा है. हालत यह है कि गांव के बच्‍चे से लेकर बूढ़े तक नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं. शाम होते ही गांव में शराबियों की महफिल जम जाती है. इससे खासतौर पर महिलाओं का जीना दूभर हो गया है. ग्रामीणों ने स्‍थानीय प्रशासन से अविलंब कार्रवाई की मांग की है, ताकि गांव में अमन और शांति कायम की जा सके. कैमूर  जिले में नशे का हब बने गांव का नाम सरियांव है. सख्‍त शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद यहां सरेआम नशाखोरी की जाती है. कैमुर के दुर्गावती प्रखंड के सरियांव गांव के ग्रामीणों ने गांव में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब, चरस और गांजा कि खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों ने धंधेबाजों की गिरफ्तारी के लिए सरकार और प्रशासन से कार्रवाई करने की गुहार लगाई है. बताते चलें कि थाने से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर सरियांव गांव स्थित है. यहां धंधेबाजों द्वारा शराब, गांजा और चरस की खुलेआम बिक्री की जाती है

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