सुशासन बाबू की खुली पोल
जहा से बिहार की सत्ता संचालित है, चारो तरफ फैले गंदगियों के कारण उस शहर का हाल बदहाल हो चुका है, कभी पटना दिल्ली के चांदनी चैक कहलाता था, लेकिन एक ही बारिश में पटना का रंग बदरंग हो गए, तो राज्य के अन्य क्षेत्रो का क्या हश्र होगा, वैसे तो पटना बिहार की राजधानी है, मंत्रियों के घर तो चकाचैंध हो गए, लेकिन बारिश में डूबे गरीबो के आसियाने यूं ही रह गए, सिर्फ कहने के लिए, वहा के लोग जल जमाव से निजात पाए गए है। राजेडी के विधायक भाई बीरेन्द्र कहते है कि पटना के सड़को पर यत्रतत्र गंदगियो का अंबार लगा है, उसे उठाने की फूर्सत निगम कर्मियो को कहा है, कचरे का उठाव हो गया होता तो मच्छड़ वहा के लोगो को डंक नही मार पाता। एक सवाल पर उन्होंने कहा गंदगी का शिकार पुलिस के दो जवान भी हो गए है, दोनो जवान के मौत से आरक्षी केंद्र में रहने वाले जवान सहमे है, वहा हलातो का जायजा लेने तो पहुंचे पुलिस महानिदेशक, लेकिन कहते है कि मौत तो होती रहती है। यह तो बिहार के पूुलिस मुखिया का हाल है। उन्होंने कहा गंदगियों के कारण 1600 से अधिक लोग डेंगू के शिकार हो गए है, पटना के सुंदर नगर तो कचड़े की ढेर पर है, एक बारिश में सुंदर नगर के नक्शे खाक में मिल गए, प्रशासन के सफाई की सारे दावे की पोल तो दो विधायको के डेंगू के डंक ने खोल कर रख दी है। सुशासन बाबू तो पुलिस को माॅडल बनाने का दावे करते नही थकते, लेकिन राज्य के अधिकांश आरक्षी केंद्रो में कोई सुविधा नही दी गई है, अधिकांश केंद्रो में साफ सफाई नदारद है।
सर्वे में चल रहा डेंगू का अमंगल
राज्य में एक तरफ मच्छड़ो के डंक से डेंगू का प्रकोप बढ़ता चला जा रहा है, वही दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे का सर्वे में अमंगल कार्यक्रम चल रहे है, इसकी रोकथाम के बदले चुनाव प्रचार में मशगुल है, उनके एक विधायक नीतीन नवीन को भी मच्छड़ो ने डंक मार दिया है, वे कई दिनो से अस्पताल में इलाजरत है, लेकिन स्वास्थ मंत्री को इससे कोई मतलब नही।