झेल रहा अतिक्रमण का दर्द मुजफ्फरपुर

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शहर की यातायात व्यवस्था चैपट
शहर के अधिकांश हिस्सा रोज फंस रहा महाजाम के चक्रव्यू में। पुलिस चैकस होती तो लोग रोज जाम के चक्रव्यू में नही फंसते। काफी मशक्कत और विवाद के बाद 25 साल पूर्व गया वैरिया बस पड़ाव भी कुव्यवस्था और अतिक्रमण के शिकार हो गए है, यह बस पराव पहले इमलीचटट्ी के पास था। अतिक्रमण के सवाल पर मुजफ्फरपुर सिविल कोट के वरीय अधिवक्ता सह जिला चित्रगुप्त एसोशिएशन के महामंत्री डा0 अजय नारायण सिंहा ने कहा, हाईकोट ने जिला प्रशासन को अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिए, आदेश के आलोक में 10 साल पूर्व डीएम के सभागार में तत्कालीन आयुक्त ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें अतिक्रमण से निपटने के लिए कई आदेश दिए गए, लेकिन कुछ नही हुआ। अतिक्रमण के एक सवाल पर उन्होंने कहा, अतिक्रमण पर रोक तो लगाई जा सकती है, लेकिन इसके लिए पुलिस को भी सुधरना होगा। पुलिस मैनूअल में दंड के कई ऐसे प्रावधान किए गए है, जो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ लागू किया जा सकता है, लेकिन पुलिस इस कानून को उपयोग में नही ला रही है, एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, समाजिक स्तर पर अतिक्रमण का निदान निकाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए भी पुलिस को पहल करना होगा। बहरहाल, कमोवेश यही हाल राजकीय बस पराव का भी है, जो शहर में है। इस बस पराव के मुहाने पे नजायज दर्जने दुकाने खुली है, बारिश में स्टैड के अंदर काफी जल जम गए है, लेकिन सफाई व्यवस्था नदारद है, और नाही पानी निकासी की कोई व्यवस्था है, राजद के प्रदेश महासचिव श्यामनंदन कुमार यादव और वरिष्ठ नेता रजनीकांत यादव ने बताया कि सरकारी बस पराव के अंदर का दृष्य काफी नारकीय है, वहा के दुकानदार और आए यात्री भी गंदगी की मार झेल रहे है।

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बस पराव के दोनो मुख्य द्वार बरसात के पानी से लबालब भर गए है, कभी-कभी तो स्थानो की कमी होने के कारण कई बसे मुख्य द्वार पर ही खड़े कर दिए जाते है, दोनो नेता ने बताया कि इमलीचट्टी सरकारी बस स्टैंड के बाहर एक नजायज बस स्टैंड भी चल रहे है, जहा से जीप, मैक्सी, तथा कमांडर पटना, सीतामढ़ी, मोतिहारी, और बेतिया के लिए खुलती है, जिससे रोज कोई न कोई दुर्धटनाएं होती रहती है। वहा के कई दुकानदारों ने बताया कि लगभग 20 सालो से यहा दुकान चला रहे है, और दुकान चलाने के एवज में छोटे-बड़े सभी दुकानदारों को 20-25 रुपए का टोकन रोज कटना पड़ता है। नही देने पर परिणाम कुछ भी हो सकता है। शहर में कपड़े का थोक मंडी है, इसलिए यहा सुदूर जिलो से यात्रियों का आना जाना होता रहता है। जीरो माईल पर भी कई सालो से नजायज स्टेंड चल रहे है, जिसके चलते वहा रोज जाम लगा रहता है।

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