पटना से आए आइ वरीय चिकित्सक
मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल काॅलेज अस्पताल में बुधवार को चमकी बुखार ने फिर दो बच्चे को चटका दिए, वैसे तो सूबे के कई जिले इस रोग से प्रभावित है, लेकिन सर्वाधिक मौते मुजफ्फरपुर में हुई, ताजा आंकड़े के अनुसार 120 बच्चे काल के जबड़े में समा गए है, चार दिन पहले अस्पतालो की जायजा लेने केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन और राज्य मंत्री अश्वनी चैबे आए थे, उनके साथ एसकेएमसीएच केंद्रीय टीम भी आयी, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नही हुआ। दो दिन पहले बिहार के सीएम में एसकेएमसीएच आए, कई आदेश देकर चल दिए, लेकिन हालात यह है कि अस्पताल के भंडार से दवा नदारद है और रोगियो के अभिववाक को बाहर से दवा खरीदना पड़ रहा है, वैसे तो मुजफ्फरपुर में दो बड़े राजकीय अस्पताल है, शहर में सदर अस्पताल है, लेकिन यहा मरीजो के अभाव में अधिकांश वेड खाली पड़े है, वही एसकेएमसीएच में वेड के अभाव में मरीजो को फर्स पर रखे गए है, दोनो अस्पतालो में बिजली की हालत भी गंभीर है, एक तो भीषण गर्मी पड़ रही है, उपर से बिजली की आंख मिचैली शुरु है। सदर अस्पताल के वरीय चिकित्कस डा0 सी0के0 दास ने बताया कि चमकी के कई मरीज आए थे, जिन्हें उपचार कर छोड़ दिया गया है, लेकिन वही पर खड़े राजद के वरीय नेता सह अधिवक्ता रजनीकांत यादव ने डाॅक्टर के दावे की पोल खोलते हुए कहा, अगर यहा मरीजो का इलाज होता तो वेड खाली नही होता। मरीज एसकेएमसीएच में लाईन में खड़े है और सदर अस्पताल में सन्नाटा पसरा है। उन्होंने कहा, सरकार तो दावे बहुत करती है, लेकिन दोनो राजकीय अस्पतालो में गरीबो को नही मिल रही है कोई सुविधाएं। मुसहरी के राजकीय असपताल का हाल तो यह है कि अस्पताल के अंदर मरीजो की भीड़ है, लेकिन वहा के अधिकांश डाॅक्टरो के कक्ष में ताला लटक रहे है, एसकेएमसीए के अधीक्षक ने बताया कि पटना से आठ वरीय चिकित्सको ने योगदान दे दिए है, लेकिन यह अस्पताल बिजली संकट से जुझ रहा है, आपूर्ति नियमित करने के लिए बिजली विभाग को लिखा गया है।
चमकी बुखार ने चटका दिए 120 बच्चे
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