सीएम मांफी नही मांगे तो नही चलेगा सदन

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बोले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव
बिहार विधानसभा में विपक्ष का जो हंगामा देखने को मिला वो लगातार सुर्खियों में छाया हुआ है। सदन के अंदर पुलिस ने विधायकों को पीटा। इस मामले पर गुरुवार को राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। तेजस्वी ने कहा कि जब तक नीतीश कुमार माफी नहीं मांगेंगे तबतक उनकी पार्टी सदन का बहिष्कार करेगी।
नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि हम लड़ने वाले लोग हैं। हम नीतीश कुमार की तरह हाथ में चूड़ी पहनने वाले लोग नहीं हैं। नीतीश अपने राजनीतिक करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं। बजट सत्र के दौरान उन्होंने बार-बार विपक्षियों को धमकाया और आग बबूला होते रहे।
दिनकर की कविता के जरिए जताया था विरोध
तेजस्वी यादव ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता के जरिए अपना विरोध जताते हुए ट्वीट कर लिखा था, श्मत झुको अनय पर भले व्योम फट जाए, दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है, मरता है जो एक ही बार मरता है, तुम स्वयं मृत्यु के मुख पर चरण धरो रे, जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे! वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे, जो पड़े आन खुद ही सब आग सहो रे! -राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी।श्
बता दें कि बिहार विधानसभा में मंगलवार को सशस्त्र पुलिस बल विधेयक को लेकर जमकर हंगामा देखने को मिला था। विपक्ष ने इसका काफी विरोध किया। वहीं सदन में हाथापाई की नौबत आ गई। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों द्वारा विपक्ष के विधायकों को जबरन सदन से बाहर निकालने की तस्वीर सामने आई। इसपर बिहार सरकार की निंदा की गई थी।
विधानसभा की घटना के बाद से तेजस्वी नीतीश पर बहुत ज्यादा हमलावर हैं। इस दौरान उन्होंने भाषाई मर्यादा को लांघते हुए नीतीश को सी-ग्रेड पार्टी के सी-ग्रेड नेता तक कह दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री पर अफसरशाही चलाने का आरोप लगाया। वहीं दूसरी ओर तेजस्वी, तेज प्रताप सहित कई विपक्षी नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है
बिहार विधानसभा में हुई घटना को लेकर विपक्षी पार्टियों ने आज बिहार बंद बुलाया। राजद सहित लेफ्ट ने विधानसभा में हुई विधायकों की पिटाई को लेकर ये बंद बुलाया है। बंद का राज्य की सामान्य दिनचर्या पर खासा असर दिखाई दिया।
प्रमुख सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भारी पुलिस बलों की तैनाती के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने बिहार में राज्य-राजमार्गों और महात्मा गांधी सेतु सहित कई मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। सड़कों पर जलते टायर रख दिए जिससे आवागमन बाधित हुआ और सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
ज्यादातर लोग इस बात से बेखबर थे कि बंद का आह्वान क्यों किया गया और किस संगठन ने इसका ऐलान किया। अचानक हुए इस बंद ने कार्यालय जाने वाले लोगों, स्कूली बच्चों और व्यापारियों को कंफ्यूज कर दिया। लोग दोस्तों और रिश्तेदार से व्हाट्सऐप और एसएमएस के जरिए इसकी पुष्टि करने की कोशिश करते नजर आए।
बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में विशाल जुलूस निकाले गए। प्रदर्शनकारियों ने नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ नारे लगाए और पुतला जलाया। प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जबरन बंद कराया। कई स्थानों से पटरियों पर विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं, जिससे 16 से अधिक यात्री ध् एक्सप्रेस और माल गाड़ियां अवरुद्ध हुईं।
राज्य में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव और सड़क की नाकेबंदी की इससे लोगों को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में काफी ज्यादा समय लगा। राजधानी में हजारों पार्टी कार्यकर्ता जिसमें बच्चे भी देखे गए, वे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर लाठी और पार्टी के झंडे लेकर पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से भगा दिया।
नजी और सार्वजनिक दोनों तरह के वाहन, यहां तक कि राज्य की सिटी बसें भी सड़कों पर खड़ी दिखाई दीं। जहां व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने शटर गिरे हुए दिखे। वहीं स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में सामान्य रूप से कार्य हुआ।

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