कुलसचिव भी नही करना चाहते हस्तक्षेप
बीआरए बिहार विश्वद्यिालय के अधिकारियों पर यूनियन हावी है, हालांकि वहा जितने कर्मियों को होना चाहए उतना है नही। वैसा सेवा निवृति से परीक्षा विभाग के काम लिए जा रहे है, जो घपले में पकड़े गए है, उनपर थाने में केस भी हुई, निलम्बत भी हुए, लेकिन परीक्षा नियंत्रक ने फिर काम दे दिए, विवि के पूर्व कुलपति ने कई अंगीभूत काॅलेज है, के कर्मियो की सेवा विवि में तो लेना चाही, लेकिन यूनियन के दबाब में अधिकारियों ने धुटने टेक दिया। परीक्षा विभाग के हालात यह है कि स्नातक के खाली सीटो पर अभी तक नामांकन नही हुए, काॅलेजो में हाथ से लिखी मार्क सीट भेजे जा रहे है, पार्ट 2 के परीक्षा खत्म हो गए, अभी तक प्रैकिटल के लिए प्रोग्राम नही जारी किए गए, पार्ट 3 का परिणाम में अधर में लटका है।