बोले आरजेडी अधिवक्ता प्रकोष्ठ के महासचिव रजनीकांत
आरजेडी अधिवक्ता प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव रजनीकांत यादव ने कहा, राज्य सरकार ने शिक्षको की नियुक्ति के लिए जो नए नियमन दी है, उसमें किसी को सवाल नही उठाना चाहिए, क्योंकि केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूलों में शिक्षकों के लिए प्रक्रिया दी गई है, उसमें बीएड, डीआईइडी और सीटीईटी के लिए जो चरण दिए गए है, इस प्रक्रिया से भर्ती हुए शिक्षकों की योग्यता पर कोई सवाल नहीं उठाता। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में उपरोक्त विद्यालय आज भी देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है। अब बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया अब तक रोस्टर माध्यम से हो रही थीं। कोई प्रतियोगिता परीक्षा नहीं। मेघासूची का निर्माण मैट्रिक, इंटर, ग्रेजुएशन, बी एड और पात्रता परीक्षा के अंको के आधार पर बनायी जाती थी और परिणाम सबके सामने है कि कितने योग्य शिक्षक आज सरकारी स्कूलों में अध्यापक बने हुए हैं। बिहार सरकार अपनी उस भूल को सुधार कर परीक्षा को बीपीएसई जैसी संस्था के जरिये कराने जा रही है तो इसमें आपत्तिजनक क्या है?