भारत पहुंची तो मचेगी तबाही, जोन 5 में बिहार भी
तुर्की और सीरिया में आए भयानक भूकंप ने करीब 5,000 से अधिक लोगों को लील लिया, भारत को भी खतरा को देखते हुए सर्तक होने की जरूरत है, सरकारी आंकड़ों की माने तो भारत का लगभग 59 प्रतिशत हिस्सा अलग-अलग तीव्रता के भूकंपों के लिहाज से संवेदनशील है। 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहर व कस्बे जोन-5 में आते हैं, जहां सबसे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप का खतरा है। मालूम हो कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर जोन-4 में आता है, जो दूसरी सबसे गंभीर कैटेगरी है। जोन 5 वह क्षेत्र है जहां सबसे तीव्र भूकंप आते हैं, जबकि सबसे कम तीव्रता वाले भूकंप जोन 2 में आते हैं। देश का लगभग 11ः हिस्सा जोन 5 में, 18ः क्षेत्र 4 में, 30ः एरिया 3 में और बाकी का जोन 2 में आता है। सेंट्रल हिमालयी एरिया दुनिया में सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में आता है। 1905 में कांगड़ा में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे।
जोन 5 में गुजरात और बिहार
जोन 5 में आने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर और अंडमान व निकोबार शामिल हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी देश में और आसपास के इलाकों में भूकंप पर नजर बनाए रखने की नोडल सरकारी एजेंसी है। देश भर में राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क हैं, जिसमें 115 ऑब्जर्वेटरी हैं। ये भूकंपीय गतिविधियों को नोटिस करती हैं।