एक तरफ बिहार में कोरोना का कोहराम तो वही दूसरी ओर बिहार के कई नदिया खतरे की निशान से उपर बह रही है, कमला बलान, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोशी और लखनदेई नदियो के उठ रहे लहर से लोग कांप रहा है, मुजपफरपुर के बूढ़ी गंडक नदी भी रौद्र रुप धारण कर चुकी है, सिकंदरपुर में बाढ़ का पानी नीचले हिस्से के कई घरो में धुस गया है, और वहा के लोग सड़क किनारे शरण लिए हुए है, कहने के लिए सरकार तो राहत का पुख्ता इंतजाम किए हुआ है, लेकिन विस्थापितो काो राहतत पैकेट अभी तक नही दिए गए है, दरभंगा में तो नदी का पानी सड़को पे आ गयी है, हालात को देखते हुए वहा का रेल प्रशासन ने दिल्ली जाने वाली संपर्क क्रांति को रद् कर दी है, दरभंगा और समस्तीपुर की रेल सेवा भी बंद कर दी गयी है, बांध में कटाव होने के कारण मुजपफरपुर के मीनापुर प्रखंड के रधई गांव समेत दर्जनो गांव में बाढ़ का पानी धुस गया है, वहा के हजारो लोग बेधर हो गए, मुजपफरपुर के डीएम ने सभी अंचल के सीओ को प्रभावितो को तत्काल उंचे स्थानो पर ले जाने का आदेश दिया है, बाढ़ के कारण सीतामढ़ी के हालात और खराब हो गए है, वहा के बेलसंड, परसौनी, कंसार, सोेनवर्षा के सैकड़ो घरो में बाढ़ का पानी धुस गए है।
बिहार में बाढ़ से विस्थापित हुए हजारो परिवार
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