गृह राज्य मंत्री नित्यानंद भी हुए पॉजेटिव
केंद्र और राज्यो की सरकार समय रहते नही चेती तो कोरोना की तीसरी लहर को रोकना मुश्किल होगा, वैसे तो ढंड बढते देशभर में कोरोना ने फिर कोहराम मचा दिया है, बिहार के सत्तारूढ दल के कई बडे मंत्री और नेता कोरोना के तीसरी लहर के चपेंटे में आ चूके है, और फिर बिहार और महराष्ट्र कोटे से केंद्रीय मंत्रीमंडल में गए दो राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह मंत्री और भारती पवार केंद्रीय स्वास्थ मंत्री भी पॉजेजिटव निकल गए, दोनो के पॉजेटिव होने के बाद केंद्रीय मंत्रियों में हडकंप है, फिलहाल दोनो डॉक्टरो के राय से वे होम आईसूलेट हो गए है, राय का कोरोना परीक्षण पाजिटिव पाया गया है, यह जानकारी उन्होंने खुद दी है। राय ने ट्विटर पर कहा, “मेरी कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आई है। मैंने खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया है। मेरे संपर्क में आने वाले लोगों से अनुरोध है कि वे सावधानी के साथ आवश्यक कदम उठाएं।” बता दें कि भारत ने गुरुवार को 90,928 ताजा कोरोना मामलों और 325 मौतों की एक दिवसीय बढ़ोतरी दर्ज की है। दैनिक पाजिटिविटी दर 6.43% हो गई है। देश में सक्रिय केस 2,85,401 तक पहुंच गया, जबकि पिछले 24 घंटों में 19,206 रिकवरी दर्ज की गई है।

केंद्रीय स्वास्थ मंत्री भी हुए संक्रमित
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती पवार कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई हैं। भारती पवार ने वीरवार को ट्वीट में लिखा कि मेरी कोविड रिपोर्ट संक्रमित आई है और मैं घर पर पृथक वास में हूं। पिछले कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से अनुरोध है कि वे अपना कोविड परीक्षण करवाएं और कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए नियमों का पालन करें। भारती पवार महाराष्ट्र के नासिक जिले के डिंडोरी से लोकसभा सदस्य हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण मुंबई से लोकसभा सदस्य अरविंद सावंत, महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे और विधायक विद्या ठाकुर (मुंबई के गोरेगांव से) भी सकारात्मक हो चुके हैं। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा था कि राज्य में 10 मंत्रियों और 20 विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) के शोधकर्ताओं के मुताबिक, छह से 13 जनवरी के बीच मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामले अपने पीक पर होंगे और इनके न्यूनतम स्तर पर आने में एक महीने का वक्त लग सकता है।टीआइएफआर में स्कूल आफ टेक्नोलाजी एंड कंप्यूटर साइंस के सीनियर प्रोफेसर संदीप जुनेजा ने कहा कि कोरोना से मरने वालों की संख्या फरवरी में सबसे अधिक हो सकती है, लेकिन ये पिछले साल मार्च से मई के बीच दूसरी लहर के दौरान दर्ज मौतों से लगभग 30 से 50 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि छह से 13 जनवरी के बीच पीक के दौरान शहर में कितने मामले सामने आ सकते हैं। प्रोफेसर जुनेजा ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले संक्रमितों की संख्या भी दूसरी लहर के मुकाबले 50 से 70 प्रतिशत कम रहने की संभावना है। मुंबई में तीसरी लहर के पीक को लेकर आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल का आकलन थोड़ा अलग है। उन्होंने ट्वीट कर दावा किया कि जिस तरह मुंबई में केस बढ़ रहे हैं, उसके मद्देनजर वहां 15 से 20 जनवरी के बीच कोरोना संक्रमण का पीक आ सकता है। मुंबई में जब पीक आएगा, तब रोजाना 25 से 30 हजार संक्रमित केस मिलेंगे। 19 फरवरी तक स्थिति बिल्कुल सामान्य होने के आसार हैं। वहीं, वर्तमान स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश में पीक फरवरी में आ सकता है