यूजीसी ने धारा 22 में प्रवधान दिया है, जो एमए एजुकेशन या एमएड है, वें आयोजित होने वाले पैट प्रवेश परीक्षा में भाग ले सकते है, और विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने भी पहले एमए एजुकेशन को पैट प्रवेश परीक्षा में भाग लेने की इजाजत तो दे दी, लेकिन परीक्षा विभाग के अधिकारियों ने अंगूठे छाप कर्मियो के इशारे पर पूर्व के नियमो में बदलाव करते हुए सिर्फ पैट प्रवेश परीक्षा में एमएड को भाग लेने की इजाजत दी है, हालांकि शुक्रवार को इस फैसले के खिलाफ परीक्षा नियंत्रक को कई दावेदारो ने आवेदन दी है। उसमें एक दावेदार रजनीकांत ने बताया कि एमए एजुकेशन और एमएड दोनो डिर्गिया समान है, विश्वविद्यालय ने जो पूर्व में सूचनाए निकाली है, उसमें भी एमए एजुकेशन को पैट प्रवेश परीक्षा में भाग लेने को कहा गया है, लेकिन एन बख्त पर इस प्रवेश परीक्षा में एमएड को मौका दिया गया है, एक सवाल पर उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने भी एक याचिका पर फैसला देते हुए कहा, है कि दोनो डिर्गिया समान है तो फिर परीक्षा नियंत्रक ने ऐसा क्यो किए, यह तो उन्हें बताना चाहिए।