देश में फिर आए 4 लाख नए कोरोना मरीज

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दस्तक देनी वाली है तीसरी लहर
देश में कोरोना केस ने पिछले रिकार्ड को तोड़ दिया है, केंद्र सरकार अगर वैज्ञानिको के सलाह पर सर्तक हो गई होती तो कोरोना की दूसरी लहर रोका जा सकता था, प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकारो ने केंद्र सरकार को तीसरी लहर से मुकाबले के लिए तैयार रहने को कहा है, क्योंकि देश में कोरोना की तीसरी लहर जल्द दस्तक देने वाली है, बिहार में कोरोना मरीजो के आंकड़े लाख पार कर गए है, बिहार में 24 घंटे में 90 से ज्यादा लोग मर मर चुके है, झारखंड में 24 घंटे में कोरोना से 113 की जाने जा चुकी है, पटना में 24 घंटे में 3664 कोरोना के नए मरीज सामने आए है, और मुजपफरपुर 400 से अधिक केस सामने आए है, बिहार में 24 घंटे के अंदर 15 हजार 126 कोरोना के नए मरीज चिन्हित किए गए है, बिहार सरकार को पटना हाईकोर्ट में कोरोना पर एफिडिफिटि भी देना है, क्योकि हाईकोर्ट में अध्रिवक्ता मित्रो ने जो रिपोर्ट दी है, वह बिहार के स्वास्थ व्यवस्था की पोल खेल कर रख दी है।

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कोरोना काल में जमाखोरो की चांदी
करु तेल के कीमत छू रहे आसमान

एक तरफ कोरोना की मार से लोग बेहाल है, और बढ़ते कोरोना के मध्येनजर बिहार सरकार ने पुरे राज्य को 15 तक के लिए लाॅक कर दिया है, वही जमाखोरो की चांदी कट रही है, राजद के वरिष्ठ नेता सह वरीय अधिवक्ता रजनीकांत यादव ने सरकार की व्यवस्था पर उंगली उठाते हुए कहा, जो करु तेल 130 रुपए लीटर बीक रहा था, उसकी कीमत दुकानदारो ने 200 रुपए कर दिया है, जो प्याज सौ रुपए में 5 किलो मिल रहा था, उसकी कीमत अचानक 150 रुपए पसेरी कर दी गई, दाल के किमतो में भी दुकानदारो ने काफी वृद्धि कर दी, जमाखोरो ने आलू के कीमतो में भी बृद्धि कर दी है, जो आलू 60 रुपए पसेरी बजारो में बिक रहा था, उसे 90 रुपए पसेरी कर दिया गया है, फलो के दाम भी काफी बढ़ा दिए गए है। एक सवाल पर उन्होंने कहा, सरकार को इस कोरोना काल में जमाखोरो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, लाॅक डाउन में रिक्शा, ठेला, और फ ेरीवालो का धंधा तो चैपट हो गए है, क्योंकि लाॅक डाउन में सिर्फ चार घंटे की छूट दी गई है, और महंगाई चरम पर है, ऐसी हालत में गरीबो के घर चुल्हे कैसे जलेंगे।

कोरोना काल में भी कुछ नही मिला वित रहितो को
कई शिक्षक कोरोना के चपेट में

राज्य के शिक्षा मंत्री ने सदन में एक महीने के अंदर वित रहित काॅलेजो को अनुदान देने की एलान तो कर दिया, लेकिन चार महीने बित गए अभी तक सरकार ने काॅलेजो के खाते में अनुदान नही भेजा, राज्य में 100 से ज्यादा संबद्ध काॅलेज चल रहा है, इन काॅलेजो का डिग्री का अनुदान 8 सालो से अटका है, सीएम ने कई वार मंत्रीमंडल की बैठक में अनुदान देने के लिए राशि तो स्वीकृत कर दी, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के दांव-पेंच में इन डिग्री काॅलेजो अनुदान नही मिला। अभी कोरोना के चक्कर में मुजपफरपुर के कई संबद्ध काॅलेज के शिक्षक आ गए है, लेकिन उनके पास पैसा नही कि वे अपना इलाज करा सकें। संबद्ध काॅलेज के कई शिक्षको ने बिहार के सीएम से आग्रह किया है कि इस संकट में सरकार इन काॅलेज के कर्मियो पर आंख खोले, अन्यथा कई कर्मी भूख के चपेट में आ जाएंगे।

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