बिहार में तीसरे मोर्चे के गठन की कवायत
बिहार के प्रतिपक्ष नेता और आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव का तेलंगना के सीएम के चंद्रशेखर राव से मिलना कांग्रेस को रास नही आए, हालांकि तेजस्वी यादव तेलंगना के सीएम से हैदराबाद पहुंच चुके है, और तेजस्वी के हैदराबाद पहुंचने के बाद बिहार कांग्रेस में हलचल बढ गई है, और बिहार के राजनीति में इसके कई सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. अन्य विपक्षी के नेता इस मुलाकात को ज्यादा तरजीह देने के मूड में नहीं है.
तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद
तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के छोटे लाल तेजस्वी से मुलाकात के पहले वामपंथी दलों के प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात कर चुके हैं. अब बिहार में सबसे बड़े दल राजद के बड़े नेता से चंद्रशेखर से मुलाकात को लेकर तीसरे मोर्चे (गठबंधन) की शुरूआत मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि जिस प्रकार पिछले साल हुए बिहार विधानसभा उपचुनाव में दो सीटों पर हुए चुनाव में राजद ने महागठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस को झटका देते हुए दोनो सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए थे, उससे यह तय हो गया था दोनो पार्टियों के रिश्ते में खटास आ गई है. बाद में हालांकि कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी उतार दिए थे. माना जा रहा है कि इस मुलाकात का साइड इफेक्ट अभी से बिहार में दिखने भी लगा है. बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर राजद अपनी ही सहयोगी पार्टी कांग्रेस को कोई तरजीह देने के मूड में नहीं है. और एनडीए में भी दो बडे नेताओ के प्रत्याशियों को इस चुनाव में टिकट नही मिलने जा रहा है, हालांकि मुजफरपुर के किंग मेकर माने जाने वाले कांग्रेस विधायक जो नगर निगम की राजनीति में माहिर माने जाते है, वे भी आरजेडी के इस हरकत से परेशान है, उनकी चाहत एक सीट की चाहत पर भी पानी फिर गया है, वैसे वे तो पहली वार कांग्रेस के टिकट से विधायक हुए है, इसके पूर्व वे मुजफरपुर से सदन में कई पार्टियो का प्रतिनिधित्व कर चुके है, स्थानीय निकाय कोटे से होने वाले इस चुनाव में भाग्य अजमाने के लिए ऑक्सीजन बाबा भी उत रने वाले है, हालांकि उनका जीवन पत्रकारिता से शुरू तो हुआ, लेकिन राजनीति में उनकी कोई खास पहचान नही है, एक ओर निर्वतमान एमएलसी है, जिनकी पहुंच कई बडे राजनीतिज्ञो के पास है, इस वार फिर वे चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं
‘राजद कांग्रेस को औकात दिखा रही
भाजपा के उपाध्यक्ष राजीव रंजन तो कहते है कि विधानसभा उपचुनाव में महज एक सीट के लिए कांग्रेस को पूरे बिहार के सामने अपमानित करने के बाद अब विधान परिषद (Bihar Vidhan Parishad) सीटों को लेकर राजद ने एक बार फिर कांग्रेस को उसकी औकात दिखा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बिहार में राजद के तले ही कांग्रेस को राजनीति करनी होगी.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा भले ही इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की बात कह रहे हों, लेकिन राजद द्वारा प्रत्याशी तय करने की भी सूचना है. इधर, उत्तर प्रदेश चुनाव में भी कांग्रेस से क्षेत्रीय पार्टी समाजवादी पार्टी ने दूरी बना ली है, जबकि अन्य भाजपा विरोधी पार्टियों को तरजीह देते दिख रही है.