बिहार से उठी जातीगत जनगणना की मांग ने देश में सुर्खियां बटोर ली हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर दक्षिण पूर्वी भारत में नीतीश कुमार के स्टैंड को समर्थन मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी समर्थन में है तो कुछ नेता विरोध में सुर मिला रहे हैं। हाल ही में बिहार का प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया था। बिहार सीएम नीतीश कुमार, सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) अध्यक्ष जीतनराम मांझी व अन्य नेता पीएम से मिलने वालों में शामिल थे। गुरुवार को मांझी ने जातिगत जनगणना का विरोध करने वालों पर कटाक्ष किया है। उन्होंने पूछा है कि नाम के साथ टाइटल लगाने वालों को जातीय गणना से डर क्यों है? जीतनराम मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा कि जो आज जातिगत जनगणना का विरोध कर रहें है वह असल मायने में संविधान और बाबा अंबेडकर के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में समाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रविधान है, ना कि आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए। मांझी ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि नाम में टाइटिल लगा अपनी जाति बताने वालों आपको जातिगत जनगणना से डर क्यों है