बोले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव
विपक्ष के नेता सह आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने पटना में शुक्रवार को कहा, जस्रत पडी तो मानसून सत्र से पहले कोरोना वायरस का टीका ले लेंगे, हालांकि काफी कुरेदने के बाद स्पष्ट तो कुछ नहीं कहा है। विधानसभा अध्यक्ष की अपील की बाबत पूछे जाने पर उन्होंने ये बातें कहीं। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सभी विधायकों से आग्रह किया है कि वे सपिरवार कोरोना का टीका लगवा लें। इस क्रम में यह भी कहा है कि जिन विधायकों के क्षेत्र में 80 फीसद से ज्यादा टीकाकरण होगा, उन्हें विधानसभा की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा। बिहार में टीका की है कमी, इसलिए पहले आम आदमी को लगे । विदित हो कि नेता प्रतिपक्ष या उनके भाई तेजप्रताप यादव ने अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं ली है। इस पर सभी की नजरें इस बात पर टिकी थीं कि उनपर विस अध्यक्ष की अपील का क्या असर होता है। वे कोरोना का टीका लगवाते हैं या नहीं। इस बाबत उन्होंने पत्रकारो से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक टीका नहीं लिया है। बिहार में वैसे भी टीका की कमी है। वे सरकार से आग्रह करते हैं कि पहले लोगों का टीकाकरण करवा दें फिर वे भी ले लेंगे। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के समय जाना होगा और जरूरत पड़ी तो टीका लगवा लेंगे। उन्होंने कहा कि जहां भी जागरूकता अभियान की जरूरत होगी, वे आगे बढ़कर प्रेरित करेंगे।
टीके के प्रभाव पर उठाए सवाल
टीकाकरण को लेकर तेजस्वी ने राज्य एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा। टीकाकरण की रफ्तार पर भी उन्होंने सरकार को घेरा। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की आबादी 13 करोड़ है, ऐसे में एक लाख-दो लाख टीका से क्या होगा। कहा कि यह टीका एक साल के लिए ही है। दूसरे साल, तीसरे साल वाले का क्या होगा। उसकी क्या व्यवस्था है। क्योंकि एक्सपर्ट का कहना है कि यह एक साल के लिए ही मान्य है। वही आरजेडी के वरिष्ठ नेता सह वरीय अधिवक्ता रजनीकांत यादव ने बिहार के टीकाकरण केंद्रो पर सवाल उठाते हुए कहा, मुजफरपुर और सीतामढी में तो कागजो पर टीका केंद्र खोल दिए गए है, जरूरतमंदो को केंद्र पर पहुंचने के बाद यूं ही घ लौट जाना पडता है, क्योंकि केंद्र खुले नही होता है, वैक्शन लेने के लिए लोग दर-दर भटक रहे है, और स्वास्थ विभाग खामोश है, कही एक जगह भी सही तरीके से टीकाकरण केंद्र नही चल रहा है, बार-बार जगह बदलते रहते है, बिहार की स्वास्थ व्यवस्था की हाल यह है कि कुछ दिनो के लिए शहर के खादी भंडार, कन्होली मठ, एलएस कालेज और जीला स्कूल को टीकारण केंद्र तो बना दिया गया, लेकिन ये सभी टीकाकरण केंद्र बंद है और जरूरतमंद लोगो को टीके के लिए कोसो दूर जाना पड रहा है । सीतामढी के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के अधिकांश टीकाकरण केंद्रो का हश्र भी यही है ।