बोले मां के धोखा नही करना चाहिए
एलजेपी में चाचा-भतीजे का संग्राम रूक नही रहा है, लोक जनशक्ति पार्टी में फूट और संसदीय दल के नेता के पद पर अपने तख्ता पलट के बाद चिराग पासवान ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। मंगलवार दोपहर उन्होंने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर चाचा के नाम इस साल 29 मार्च को लिखी पांच पन्नों की एक भावुक चिट्ठी शेयर की। इसके साथ लिखे संक्षिप्त संदेश में वह अपने चाचा पशुपति कुमार पारस पर जमकर बरसे। चिराग ने लिखा-पार्टी मां समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोक जनशक्ति पार्टी में लम्बे समय से चल रही फूट की सुगबुगाहट रविवार को अचानक हकीकत में तब बदल गई जब चिराग को छोड़कर अन्य सभी पांच सांसदों ने उनके चाचा पशपुति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया। सोमवार को दिल्ली में सुबह से शाम तक चले घटनाक्रम के बाद लोकसभा स्पीकर ने लोजपा संसदीय दल के नए नेता के तौर पर पशुपति कुमार पारस को मान्यता भी दे दी। चिराग सोमवार को अपने चाचा के घर सुलह-सफाई के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्हें करीब 20 मिनट बंद गेट के बाहर और डेढ़ घंटे घर के अंदर इंतजार करने के बाद खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। चिराग ने तबसे चुप्पी साध रखी थी। उन्होंने मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। अब लोजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर भी पारस ने कवायद शुरू कर दी है। मंगलवार को दिल्ली में हुई प्रमुख नेताओं की बैठक में अगले पांच दिन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाना तय किया गया है। इस बीच चिराग की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। अपने चाचा के नाम लिखे इमोशनल लेटर के साथ चिराग ने दो लाइन के संदेश में काफी कुछ कह दिया है। उन्होंने लिखा- ‘पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं।’