कोरोना मरीजो से मनमानी वसूली पर कार्रवाई

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आर्थिक अपराध इकाई में कोरोना महामारी के नाम पर कालाबाजारी रोकने के लिए और उसकी शिकायत के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसी नियंत्रण कक्ष को शिकायत मिली कि हाजीपुर के प्रिंस संजीवनी अस्पताल द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज सरकार द्वारा निर्धारित रेट से काफी ज्यादा राशि उगाही की जा रही है। मरीजों का इलाज के नाम पर भयादोहन किया जा रहा है। शिकायत की जांच और कार्रवाई के लिए सीनियर डीएसपी रंजन कुमार के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया। टीम ने जांच की तो मामला सही पाया। इसके बाद एसपी वैशाली को इसी जानकारी देते हुए कार्रवाई के लिए सहयोग मांगा गया। हाजीपुर के एसडीओ और एसडीपीओ के आदेश पर वहां के अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रौशन कुमार और नजर थाना प्रभारी सुबोध कुमार को साथ लेते हुए एक जांच टीम गठित की गई। बिल भी देते थे कच्चा। जांच में पाया गया कि प्रिंस संजीवनी हॉस्पीटल (एसडीओ रोड, हाजीपुर) के पते पर संचालित है, जबकि प्रबंधक द्वारा दिए गए हॉस्पीटल के लाइसेंस में प्रिंस मल्टी स्पेशलिस्ट क्लिनीक एंड हॉस्पीटल, पुरानी गंडक पुल रोड, जौहरी बाजार, हाजीपुर के नाम से है। इसी पते पर जिला प्रशासन से जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर लिया जा रहा है। अस्पताल में दवा दुकान भी है, जिसपर कोई नाम नहीं है। कागजात पर दुकान का नाम मे. प्रिंस मेडिकल हॉल, कोनहरा रोड, पोखरा मोहल्ला दिया गया है। यह जहां दुकान है उस पते से अगल है। यह भी पता चला कि कोरोना लक्षण वाले मरीजों को भर्ती करते वक्त उनका टेस्ट भी नहीं किया जा रहा। साथ ही, आइसोलेशन के किसी नियम का पालन नहीं होता था। कोरोना के संभावित मरीज और अन्य मरीजों को साथ रखा जा रहा है। भर्ती किए गए मरीजों से मनमाने तरीके से उगाही की जा रही है। कोरोना मरीजों से 20 हजार प्रतिदिन जबकि दूसरे मरीजों से 15 हजार रुपए प्रतिदिन लिए जा रहे थे जो कि सरकार के निर्धारित रेट से काफी ज्यादा है।

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पटना के अस्पतालों पर भी नजर
ईओयू की नजर पटना और आसपास के अन्य निजी अस्पतालों पर भी है। अधिकारी इस संबंध में गोपनीय जानकारी जुटाने में लगे हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित इलाज दर से ज्यादा की वसूली कोरोना मरीजों से तो नहीं की जा रही। आशंका है कि जल्द ही कुछ निजी अस्पतालों के खिलाफ ईओयू बड़ा एक्शन ले सकती है।
पटना एम्स में खुले 20 वेड के ब्लैक फंगस वार्ड
बिहार में ब्लैक फंगस के 40 मरीजो की पहचान की गई है, वही बिहार में बढ़ते ब्लैक फंगस मरीजो को देखते हुए पटना एम्स के निदेशक ने सोमवार को अगल से 20 वेड का वार्ड शुरु कर दिया है, उस वार्ड में 18 मरीजो का भर्ती लिया गया है, पटना के पीएमसीएच प्रबंधन ने भी ब्लैक फंगस रोगियो के लिए अगल से वार्ड बनाने का निर्णय दिया है, उस अस्पताल में भी ब्लैक फंगस के 10 नए मरीज आए है। पीएमसीएच के डाॅक्टरो ने बताया, अभी तक ब्लैक फंगस के 6 मरीजो का सफल आॅपरेशन किया जा चुका है।

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