बोले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और राज्यो के संगठन में सभी को उचित जगह दी जानी चहिए, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को ने जो संगठन के लिए सूची तैयार किए है, उसे देखते हुए जातीय असंतुलन के खिलाफ आवाज उठने लगी है। बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने पार्टी को रवैया बदलने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल एआइसीसी में बिहार से छह लोग हैं, जिनमें चार मुस्लिम और दो ओबीसी समुदाय से हैं। चार मुस्लिमों में तीन केवल एक ही जिले से हैं। जो नही होना चाहिए, उन्होंने पार्टी को नसीहत दी है कि राज्य से अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा वर्ग और सवर्ण जातियों को भी जगह दी जानी चाहिए। उनके अलावा भी कई नेताओं ने इस मसले पर आवाज उठाई है। कई विधायकों और पार्टी नेताओं का इस मसले पर उन्हें साथ मिला है, शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि नये बदलाव में पार्टी के जनाधार के विस्तार के लिए धर्म, जाति एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का ख्याल रखना ज्यादा श्रेयष्कर होगा। उनके ट्वीट पर जवाब देते हुए बिहार राज्य युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष मंजीत आनंद साहू ने कहा कि सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिए बगैर संगठन को धारदार नहीं बनाया जा सकता है। लोकतंत्र में सभी की भागीदारी के बगैर लोगों का विश्वास हासिल करना मुश्किल होगा। इस ट्वीट को कांग्रेस के कई विधायकों और अन्य नेताओं ने भी पसंद किया है।
अभी बिहार से जिन 6 लोगों को जगह मिली है उनमें चार मुस्लिम है, उनमें भी 3 एक ही जिले के और सभी 4 एक ही डिविजन से हैं एवं 2 ओ०बी०सी०से हैं।बिहार में पार्टी की मजबूती के लिए और बेहतर कदम होगा अगर पुनर्गठन में बिहार से अनुसूचित जाति,अति पिछड़े वर्ग और सवर्ण जातियों को भी जगह मिले
बिहार कांग्रेस में बदलाव की चर्चा
बिहार कांग्रेस में भी बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोजपा में टूट के तुरंत बाद कांग्रेस के राज्य प्रभारी भक्त चरण दास ने बिहार का दौरा कर पार्टी नेताओं ने हाल-चाल जाना। ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि लोजपा के बाद अगला निशाना कांग्रेस भी हो सकती है। क्योंकि जडीयू की निगाहे लोजपा के बाद कंग्रेस पर है, हालांकि बिहार कांग्रेस के तमाम नेता मजबूती से इसका विरोध करते दिख रहे हैं। ऐसी चर्चाएं हैं कि पार्टी की राज्य कार्यकारिणी में फेरबदल किया जा सकता है।