ओवैसी को बिहार में लगा झटका, 5 में से 4 विधायक गए आरजेडी

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महाराष्ट्र के बाद बिहार में भी सियासी हलचल तेज हो गई है, अचानक ओवैसी के चार विधायक के खिसक जाने से बिहार के राजनीति में बड़ा बवंडर मचा है. यहां एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी को तगड़ा झटका लगा है. उनके दल के चार विधायकों ने अचानक आरजेडी  का दामन थामने का फैसला किया है. बिहार में एआईएमआईएम के पांच विधायक चुनाव जीते थे. एआईएमआईएम के टिकट से अमौर सीट से अख्तरुल ईमान, बायसी से सैयद रुकनुद्दीन अहमद, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, कोचाधामन से मोहम्मद इजहार असफी, बहादुरगंज से मोहम्मद अंजार नईमी विधानसभा पहुंचे थे. इसमें चार आरजेडी में शामिल होंगे. अमौर सीट से अख्तरुल ईमान अभी एआईएमआईएम के साथ हैं. चार विधायकों के एआईएमआईएम छोड़ने के बाद आरजेडी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. 

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दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. आरजेडी के 75 विधायक चुनकर आए थे और बीजेपी के 74 थे. इस चुनाव में वीआईपी के टिकट पर चार उम्मीदवार जीतकर विधायक निर्वाचित हुए थे, जिसमें एक का निधन हो गया था. ऐसे में तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. इससे बीजेपी का आंकड़ा 77 पहुंच गया था.

वहीं, आरजेडी के विधायकों के आंकड़े को देखे तो 2020 में 75 विधायक जीते थे और 2022 में हुए उपचुनाव में एक सीट आरजेडी के खाते में आई. इससे उसका आंकड़ा 76 पहुंच गया था. अब ओवैसी की पार्टी के चार विधायक आरजेडी में शामिल होने से उसके 80 विधायक हो गए हैं और वो सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

सीमांचल में लहराया था परचम

एआईएमआईएम ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र में अपना परचम लहराया था. सीमांचल इलाके में 24 सीटें हैं. इनमें से अधिकतर सीटें मुस्लिम बहुल है जिस पर महागठबंधन के जीतने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन लोगों ने एआईएमआईएम के हक में फैसला सुनाया था. कहीं ना कहीं एआईएमआईएम के जीतने से महागठबंधन को नुकसान हुआ था. कई सीटें ऐसी भी थी जहां महागठबंधन और एआईएमआईएम के बीच वोटों का अंतर बहुत ही कम था. हालांकि अब इसकी भरपाई लगभग हो गई है

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