इंटर के 50 लाख वितरण में भी हुई हेराफेरी
राज्य सरकार 2008 से श्यामनंदन सहाय कॉलेज को छात्रो के उर्तीणता के अधार शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियो के वेतन के लिए करोडो रूपए अनुदान तो देती है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन की दोषपूर्ण नीति के कारण कर्मिया के उनके हक के हिसाब राशि नही मिलती, सरकार ने उक्त कॉलेज के लिए तीन वितिय वर्ष 2012-13, 14-15 और 16 मद में साढे सात करोड विश्वविद्यालय के खाते में भेज तो दी,लेकिन उसके पहले वितरण में हुए धोटाले की पोल खुलते ही विवि ने द्वितीय किश्त की राशि विमुक्त करने से इंकार कर दिया,वहा के प्रभारी प्राध्यापक ने अनुदान के श्रेणी में कुछ ऐसे कर्मियो का नाम डाल दिया है, जिन्हे नियमत अनुदान राशि नही दिया जाना था,यह खुलासा कॉलेज द्वारा दूसरे किश्त के अनुदान के पैसे को रिलिज करने के लिए विश्वविद्यालय को भेजे गए सूची से हुआ है, जिसपर विवि के कॉलेज ऑफ इंसपेक्टर गहराई से जांच जांच किया है, राज्य सरकार ने 1991 में कर्मियो के लिए कोई पद सजित नही किया है, लेकिन विवि में भेजे गए ऐसे कर्मियो का नाम डाल दिए गए है,और उन्हें सिनियर बनाकर पूर्व में अनुदान राशि में हिस्सेदेरी दे दी,सूत्रो की माने तो विवि के सिंडीकेट की बैठक में उक्त कॉलेज के 11 कर्मियो की पद सजित किए है, सभी 2012 से मान्यता दी गई है,लेकिन अन्य कर्मियो को उसके आलोक में अनुदान दी गई है, लेकिन उसी सूची में आए एक कर्मी को 1991 के आधार पर भुगतान दे दी गई, इंटर के आए 50 लाख में भी वितरण के दौरान यही खेल खेला गया है, कहते है जिन कर्मियो को 1991 से लाभ दिया गया है, वह वहा के प्रभारी प्रध्यापक का दाहिना हाथ है, प्रभारी प्रध्यापक के इस हरकत के खिलाफ आवाज उठाने वाले कर्मियो को डरा धमका कर खामोश कर दिया जाता है, और तो और विवि को भेजे गए अनुदान सूची में कुछ ऐसे प्रध्यापको और नए कर्मियो के नाम डाल दिए गए है, जिनकी नियुक्ति 2020 या 2022 में की गई है, जिसपर विवि के कॉलेज ऑफ इंसपेक्टर ने सवाल उठा दिया है और कॉलेज को सूची में किए गए फर्जीवाडे को सुधार करने की कडी हिदायत दी है, यहा एक गंभीर सवाल उठता है कि राज्य सरकार ने जो डिग्री मद में उक्त अनुदान दिया है,जो सिर्फ 16 सेसन तक के लिए है तो फिर 2020 और 22 में नियुक्त किए गए कर्मियो का नाम कैसे डाल दिया गया, इंटर कौंसिल आए 50 लाख के वितरण् में कोई पारदर्शिता नही बरती गई, सूत्रो की माने तो वहा के प्रभारी प्रध्यापक के तीन सलहाकार है,और उन तीनो को खुश रखने के लिए वे कुछ भी कर सकते है, वहा एक लैब इंचार्य है जो प्रभारी प्रध्यापक के खास बताया जा रहा है, उसे खुश रखने के लिए प्रभारी प्रध्यापक ने लेखापाल से लेकर कई विभागो का पावर दे रखा है, दोनो के गलत हरकत के कारण नाहक में कॉलेज के गरीब कर्मी पिसे जा रहे है, दोनो के काली करतुतो को शाशी निकाए सचिव को भी पता है, वहा के कई कर्मियो ने उन्हे बताया है, लेकिन वे भी सारे खेलो को चुपचाप देख रहे है,उन्हें पूर्व के डिग्री अनुदान वितरण के दौरान विवि को भेजी गई सूची में हेराफेरी किए जाने की सूचना थी, फिर भी वे कॉलेजो से आए विपत्रो पर बिना परखे आंख मूंद कर दस्तखत किए जा रहे है, हालांकि उन्होंने आए दूसरे किश्त अनुदान के लिए जो सूची विश्वविद्याल को दी है, उसमें काफी सुधार किए गए है,जिन्हे पहले किश्त में कम पैसे दिए गए थे, उन्हें लाख से उपर दियश गया है, लेकिन उन गरीब कर्मिया का क्या होगा, जिन्हे लाख से काफी कम दिए गए थे, अखिर उसे डूबे पैसे का देनदार कौन होगा, सूत्रो की माने तो वहा के एक कर्मी अपने आंका को खुश करने के लिए यह सब खेल खेली । हालांकि कॉलेज के एक वरीय प्रध्यापक कहते है, उक्त प्रभारी प्रध्यापक के खिलाफ हाईकोर्ट में एक रीट दायर है,जो खुल गई है,जल्द ही पता चल जाएगा ।
टीआर के चुनाव में शह और मात का खेल शुरू
श्यामनंदन सहाय कॉलेज में शुक्रवार को टीआर का चुनाव होने वाला है, और दोनो तरफ जीत के दावे किए जा रहे है, हालांकि पूर्व के टीआर जो वहा के प्रभारी प्रध्यापक के खास है,उनकी स्थिति ठीक नही है, क्योंकि उन्होंने चुनाव जीतने के बाद प्रध्यापको के लिए कुछ नही किया है, वहा के कई प्रध्यापको की माने तो उनका ज्यादातर समय प्रभारी के बचाव के चक्कर में गया, फिर भी उन्हें विजयीश्री दिलाने के लिए प्रभारी प्रध्यापक और उनके दाहिने हाथ ऐडी चोटी एक किए हुआ है, हालांकि विपक्षी खेमा सिर्फ एक उम्मीदवार दिया है, जो प्रो0 दास से भारी पड रहे है, वही प्रभारी प्रध्यापक के दबदबा से शासी निकाए की बैठक निकल न जाए, इसलिए उनके गुट के लोग भी प्रो0 दास को जिताने में जुट गए है, विपक्षी खेमा ने जो पहली वार प्रभारी प्रध्यापक गुट के उम्मीदवार के खिलाफ साझा उम्मीदवार दिया है,जो एक वरीय प्रध्यापक है,और कॉलेज में उनकी अच्छी पैठ भी है, हार जीत चाहे जिस किसी का हो, चुनाव दिलचस्प होने वाला है । मतदान खत्म होने के बाद शुक्रवार को ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे ।